भागवत कथा में गोवर्धन लीला का वर्णन

जालौन से ब्रजेश उदैनिया के साथ आशीष द्विवेदी की रिपोर्ट

जालौन। श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे चरण में कथा व्यास द्वारा श्रीकृष्ण लीला की बाल लीला, गोवर्धन लीला की कथा का श्रोताओं को श्रवण कराई गई।पेट्रोल पंप हनुमान जी मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे चरण के पांचवें दिन श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया जिसमें गोवर्धन पर्वत को धारण करने के लिए को विस्तार से बताया गया। गोकुल वासी जब इंद्र की पूजा करने जा रहे थे तो भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें इंद्र की पूजा न कर गोवर्धन पर्वत को पूजा करने की सलाह दी। इस बात से नाराज होकर इंद्रदेव ने घनघोर बारिश की तभी श्री कृष्ण भगवान ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत धारण किया। गोवर्धन पर्वत की लीला का और भी विशेष महत्व उन्होंने बताया कथा के अंत में श्री कृष्ण की अन्य लीलाओं का भी वर्णन किया गया जिसमें कंस द्वारा भेजे गए राक्षसों का वध तथा गोपियों के साथ रास लीला, ग्वालो के साथ गायो को चराना आदि प्रमुख रही। अंत में पुजारी कमलेश महाराज द्वारा श्री भागवत पुराण की आरती की गई तथा पूजन अर्चन किया गया। तत्पश्चात बैठे श्रोत्राओं को प्रसाद वितरण किया गया।

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