देवोत्थान एकादशी आज, पूजा के लिए खूब बिके गन्ने
फोटो परिचय-देवठानी ग्यास पर चलाने के लिए ओदबोद खरीदते लोग
कोंच से वरिष्ठ पत्रकार पीड़ी रिछारिया की रिपोर्ट
कोंच। 12 नवंबर मंगलवार को पड़ने वाले प्रमुख सनातनी पर्व देवोत्थान एकादशी पर गन्ने की खूब बिक्री हुई। पिछले कई दिनों से नगर में तमाम जगहों पर लगाए गए गन्ने के ढेरों से शहरी व ग्रामीण लोग गन्ने खरीद कर ले जा रहे हैं। हिंदू धर्म में एकादशी पर्व की पूजा में गन्ने के उपयोग का पौराणिक महत्व है।
दीपावली के ठीक 11 दिन बाद होने वाली देवोत्थानी एकादशी (देवठानी ग्यास) पर पूजा में गन्ने की महत्ता को देखते हुए लोग गन्ने खरीद रहे हैं। नगर में तहसील के समीप, चंदकुआं, सागर चौकी, लवली चौराहा, रेलवे स्टेशन, मुख्य बाजार, बजरिया आदि स्थानों पर गन्ना खरीदने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। गन्ना बेच रहे पटेल नगर निवासी आकाश, कोल्हूबाबा के पास रहने वाले संतोष कुशवाहा, मालवीय नगर निवासी इरशाद आदि ने बताया कि इस साल वह माधौगढ और कोंच क्षेत्र के अलावा गैरजनपद सुल्तानपुर से भी गन्ना खरीद कर लाए हैं। 80 रुपये से लेकर 100 रुपये में 5 गन्ने बेच रहे हैं। इसमें उन लोगों की लागत लगभग 10 से 15 हजार रुपए आ जाती है और उन्हें इनकी बिक्री से लगभग 4 से 5 हजार रुपए तक बच जाता है। बीते कुछ सालों की अपेक्षा इस वर्ष गन्नों की क्वालिटी हालांकि अच्छी नहीं है लेकिन बिक्री ठीक ठाक हो रही है क्योंकि पूजा में गन्ना लगना ही लगना है।
इंसेट में-
देवठानी ग्यास पर बच्चे चलाएंगे ओदबोद
कोंच। देवठानी ग्यास पर बुंदेलखंड क्षेत्र में ओदबोद चलाने का भी खूब प्रचलन है। खासतौर पर बच्चों में ओदबोद चलाने को लेकर काफी उत्साह रहता है। कुछ लोग घर पर ही ओदबोद का निर्माण कर लेते हैं जबकि बाजार में भी बने बनाए ओदबोद बिकते हैं सो लोग वहां से भी खरीद लाते हैं। ओदबोद वस्तुत: फटे-पुराने कपड़ों या चीथड़ों से बनाई जाने वाली गेंदनुमा आकृति होती है जिसमें लोहे या स्टील का एक तार लगा होता है। इस ओदबोद को जले हुए मोबिल ऑयल या डीजल में डुबोकर रखा जाता है और रात को पूजा के बाद तार से पकड़ कर जलाने के बाद चारों ओर घुमाकर करतब दिखाए जाते हैं।
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