अयोध्या में राजा दशरथ और कौशल्या के यहां राम रूप अवतरित हुए विष्णु
कोंच से वरिष्ठ पत्रकार पीड़ी रिछारिया की रिपोर्ट
* कोंच की ऐतिहासिक रामलीला में रामजन्म लीला का मनोहारी मंचन किया गया
कोंच। रामलीला रंगमंच पर चल रहे कोंच रामलीला के 172वें महोत्सव में शनिवार रात रामजन्म लीला का मनोहारी मंचन किया गया जिसमें मनु एवं शतरूपा के तप और भगवान विष्णु द्वारा उनको वरदान देने के साथ ही रावण, कुंभकर्ण और विभीषण द्वारा तपस्या से ब्रह्मा को प्रसन्न कर उनसे वरदान प्राप्त करने के प्रसंग दर्शाए गए। मनु और शतरूपा को भगवान विष्णु वरदान देते हैं कि त्रेता में जब वह दशरथ और कौशल्या के रूप में जन्म लेंगे तब वह (विष्णु) उनके पुत्र रूप में अवतरित होंगे। उधर, रावण भगवान ब्रह्मा से अपराजेयता और विभीषण भगवान की भक्ति का वरदान प्राप्त कर लेते हैं जबकि वाग्देवी सरस्वती ने कुंभकर्ण की मति भ्रमित कर उसके मुख से इंद्रासन की बजाए निंद्रासन कहलवा दिया फलस्वरूप मांगे गए वरदान देकर ब्रह्मा जी अंतर्ध्यान हो जाते हैं। रावण के बढ़ते अधर्म और पापाचार से त्रस्त पृथ्वी गोवेश में बैकुंठ जाकर भगवान विष्णु से प्रार्थना करती है की उसे रावण के पापाचार से मुक्त करें। भगवान विष्णु स्वयं राम रूप में और अपने अंशो से भरत लछ्मण व शत्रुघ्न के रूपों में अयोध्या नरेश दशरथ के यहां प्रकट होते हैं। मनु और दशरथ की भूमिका अनुरुद्ध मिश्रा, शतरूपा और कौशल्या की भूमिका सूरज शर्मा, रावण गौरी शंकर झा, कुंभकर्ण हरिश्चंद्र तिवारी, वशिष्ठ प्रमोद विदुआ, ब्रह्मा लकी दुवे, विष्णु राघवेंद्र तिवारी, मेघनाद, अतिकाय, अंकपन की भूमिकाओं में गिरधर सकेरे, हिमांशु राठौर, धनु राठौर, विभीषण पवन दांतरे, श्रृंगी ऋषि, विक्कू गोस्वामी ने निभाईं। व्यास के रूप में अमित नगाइच समाजी शिवम द्विवेदी, नालवादक राजेश दीक्षित, पैड पर राहुल रहे। संकेतकों की भूमिका में दिनेश मानव, अतुल सोनी, नीरज दुवे आदि सहयोग कर रहे थे।
इंसेट में-
ताड़का वध लीला का मंचन आज
कोंच। रामलीला अभिनय विभाग के मंत्री सुधीर सोनी ने बताया है कि 30 सितंबर सोमवार को रात्रि ठीक आठ बजे से रामलीला रंगमंच पर ताड़का वध लीला का मंचन किया जाएगा।
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