श्रीमद भागवत कथा का सात दिवसीय मूल पाठ में श्रीकृष्ण की बाल लीला ये,कंस बध,तथा रुकमणी विवाह का कथा श्रवण कराई
0-सात दिवसीय महामृत्युंजय जाप तथा रुद्राभिषेक हो रहा संपन्न
जालौन । नगर के छौलापुर रोड पर आलोक द्विवेदी के आवास पर चल रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के मूल पाठ के छठवें दिन कथा व्यास द्वारा बाल कृष्ण लीलायें तथा कंस वध व रुकमणी विवाह की कथा का पाठ किया ,तथा श्रोताओं को सूक्ष्म रूप में यह कथा श्रवण भी कराई गयी। यह सात दिवसीय अनुष्ठान जिसमें सुबह 7 बजे से 12 बजे तक श्रीमद् भागवत कथा का मूल पाठ, तथा दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक महामृत्युंजय का जाप, तथा साम को 5 बजे से 7 बजे तक रुद्राभिषेक बाहर से आये हुऐ विद्वान आचार्य द्वारा कराया जा रहा है । इसी बीच दोपहर में 3 बजे से साम 7 बजे तक नित्य हवन भी किया जा रहा है,।रात में भजन संध्या के भी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
कथा व्यास ने सबसे पहले श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुये बताया कि गोपियों और अपने बाल सखाओं के साथ भगवान ने नाना प्रकार की लीलाएं की इस दौरान कलियां मान मर्दन, गोपियों के साथ रास लीलाएं सखाओं के साथ गायों को चराना आदि लीलाएं की गयी इसी दौरान कंस द्वारा भेजे गये तमाम राक्षसों का भी बध किया गया अंत में कंस का वध किया इसके पश्चात उन्होंने द्वारिका पुरी बसा कर वहां निवास बनाया इसके बाद रुकमणी के विवाह की कथा श्रवण कराई अंत में कथा का समापन कर आरती तथा प्रसाद वितरण किया गया, मुख्य वक्ता राघवेन्द्र दीक्षित,तथा कथा व्यास अरुण दीक्षित हबन पूजन कर रहे आचार्य प्रभात तिवारी,पवन तिवारी, मोहित द्विवेदी,विवेक दुवे, कृष्ण कुमार दीक्षित द्वारा कार्यक्रम विधि विधान से आयोजित कराया जा रहा है।यजमान आलोक द्विवेदी, मंजू द्विवेदी तथा सुबोध और साधना द्विवेदी ने संयुक्त रूप से हवन पूजन किया । इस मौके पर आयुष ,मृदुल ,प्रखर, सौम्या ,आराध्या किट्टू , युग,शुभी, शिखा शुभी , तान्या , तथा बैश्नबी द्विवेदी ने भी रुद्राभिषेक कर पुण्य लाभ लिया। इस मौके पर उषा द्विवेदी , गीता द्विवेदी, मालती पांडे , अंजना, शिवानी शुक्ला, संगीता,ने शिव आराधना की तथा रात्री में श्रीमती वंदना द्विवेदी, श्री मति शलोनी द्विवेदी, प्रियंका त्रपाठी, रेखा द्विवेदि, आदि तमाम महिला भक्तों ने भजन कीर्तन किया। ब्याबस्थापक सत्यम द्विवेदी, और राजेश द्विवेदी पुरे मनोयोग से पूर्ण अनुष्ठान की ब्याबस्था में शामिल हैं।
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