20 बाई 40 के तालाबों में होंगे जलविहार और गणेश विसर्जन
रिपोर्ट- कोंच से पी.डी. रिछारिया वरिष्ठ पत्रकार
* दो अस्थाई तालाब बनेंगे धनुतालाब में, एक में जलविहार दूसरे में जाएंगीं गणपति प्रतिमाएं
कोंच। नगरपालिका प्रशासन ने ऐलान किया है कि जलविहार और गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए धनु तालाब में बीस बाई चालीस फीट के दो अस्थाई तालाब बनाए जाएंगे। एक में जलविहार और दूसरे में विसर्जन होगा। यह घोषणा शनिवार को चेयरमैन और ईओ की मौजूदगी में कुछ मंदिरों के प्रबंधन से जुड़े लोगों तथा कुछ सभासदों की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद की गई। हालांकि बैठक में नहीं बुलाए गए गणेश पंडालों के कार्यकर्ताओं ने इस व्यवस्था से नाइत्तफाकी जताई है और एकाध दिन में वे अपनी बैठक बुलाकर आगे की रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं।
पालिका चेयरमैन प्रदीप गुप्ता की अध्यक्षता और ईओ पवन किशोर मौर्य की मौजूदगी में शनिवार को पालिका सभागार में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें कुछेक मंदिरों के पुजारी और प्रबंधकों के अलावा कुछ सभासद भी मौजूद थे। बैठक में तय किया गया है आगामी 15 सितंबर को होने वाले सनातनी पर्वों जलविहार और गणेश प्रतिमाओं के पारंपरिक विसर्जन स्थल धनु तालाब में दो अस्थाई तालाब बीस बाई चालीस फीट के खोदकर उनमें पानी भरा जाएगा और उनमें से एक में जलविहार तथा दूसरे में गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन कराया जाएगा। पालिका प्रशासन का तर्क है कि तालाब का सुंदरीकरण चल रहा है और तालाब के अंदर भी काम होना है लिहाजा इसे पूरा नहीं भरा जाएगा बल्कि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जलविहार के लिए अगल व गणेश प्रतिमाओं के लिए अलग-अलग दो छोटे तालाब नुमा गड्ढे बना कर उनमें पानी भरवा दिया जाएगा। आने वाले मंगलवार को नगर पालिका मंदिर समितियों व गणेश समितियों के साथ धनुतालाब पहुंच कर स्थिति का जायजा लेंगे और तय करेंगे कि अस्थाई तालाब कहां कहां खुदने हैं। तय होने के बाद तत्काल काम चालू करा दिया जाएगा। इस दौरान आरआई सुनील कुमार, सफाई इस्पेक्टर हरिशंकर निरजंन,जेई अरुण कुमार, नृसिंह मंदिर के व्यवस्थापक राजेंद्र प्रसाद, रामचंद्र जी महाराज मंदिर के व्यवस्थापक जितेंद्र निरंजन, सभासद प्रतिनिधि गौरव तिवारी, लकी दुवे, रघुवीर कुशवाहा, ठेकेदार संजय अग्रवाल आदि मौजूद रहे। गौरतलब है कि सनातनी पर्वों जलविहार और गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन परंपरागत रूप से धनु तालाब में होता है लेकिन इस बार तालाब में दो बूंद भी पानी नहीं है जिसके चलते इन दोनों पर्वों की सकुशल संपन्नता पर आशंका के बादल मंडरा रहे हैं। अब पालिका द्वारा दी जा रही वैकल्पिक व्यवस्था कितनी कारगर हो पाती है यह तो 15 सितंबर को ही पता चल सकेगी लेकिन गणेश पंडालों के कार्यकर्ताओं ने इस व्यवस्था से नाइत्तफाकी जताई है। नगर के सभी गणेश पंडालों के कार्यकर्ता एकाध दिन में बैठक कर आगे की रणनीति तय कर सकते हैं।
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