बारिश में ढह गया छप्पर, बाल बाल बची छप्पर के नीचे सो रही महिला


रिपोर्ट
- कोंच से पी.डी. रिछारिया वरिष्ठ पत्रकार

* मलबे में दबा घर गृहस्थी का सामान, लेखपाल पहुंचे सर्वे के लिए 
कोंच (जालौन)। बारिश ने रविवार तड़के एक गरीब के आशियाने को ढहा दिया। हुआ यूं कि बारिश होते देख अपने छप्पर के नीचे सो रही महिला की नींद खुली और सुबह होते देख वह शौचक्रिया के लिए जैसे ही वह कमरे के बाहर आई कि उसका कच्चा छप्पर भरभरा कर गिर गया और महिला बाल-बाल बच गई। छप्पर के मलबे में घर गृहस्थी का सामान दबकर क्षतिग्रस्त हो गया।
कस्बे के गांधी नगर निवासी अशोक कुशवाहा पुत्र रामनारायण का कच्चा छप्पर बारिश के कारण रविवार की सुबह लगभग छह बजे अचानक ढह गया। गनीमत रही कि अशोक की पत्नी गीता देवी भी उसी में सो रही थी लेकिन वह जैसे ही शौचक्रिया के लिए कमरे के बाहर निकली कि छप्पर ढह गया और महिला बाल-बाल बच गई। बताया गया है कि छप्पर के मालवे में टीवी, पंखा, तख्त, व खाने के लिए रखा गेहूं भी दब गए। छप्पर गिरने की सूचना मिलने पर पालिकाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता मौके पर पहुंच गए थे। एसडीएम ज्योति सिंह ने बताया कि जानकारी होते ही सदर लेखपाल अखिलेश कुशवाहा को मौके पर भेजा गया है रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

इंसेट में-


तीन साल गुजर जाने के बाद भी नहीं मिला प्रधानमंत्री आवास
कोंच। गरीबी में जीवन यापन कर रही महिला गीता देवी का कहना है कि तीन साल पहले प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था लेकिन लंबे इंतजार के बाद वह अभी तक नहीं मिला है। तीन वर्षों के इंतजार बाद भी छत के नीचे सोने का सपना पूरा नहीं हो पाया है।

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