कोंच- 'नाटक' की बारीकियां बताईं गईं इप्टा की कार्यशाला में

                                                        नाटक को लेकर प्रशिक्षण देखतीं प्रशिक्षक

रिपोर्ट- पुरुषोत्तम दास रिछारिया

कोंच (जालौन)। भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा इकाई कोंच एवं कोंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के संयुक्त तत्वाधान में चल रही निःशुल्क ग्रीष्मकालीन बाल एवं युवा रंगकर्मी नाट्य कार्यशाला में प्रतिभागियो को नाटक नृत्य मेकअप तथा कई और विधाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गुरुवार को प्रशिक्षकों ने नाटक की बारीकियों के बारे में बताया।
दरिद्र नारायण सेवा समिति आश्रम में चल रही कार्यशाला में कोंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के संस्थापक एवं इप्टा कोंच के पूर्व महासचिव पारसमणि अग्रवाल ने कहा, नाटकों के माध्यम से सामाजिक विकृतियों को अच्छे से रेखांकित किया जा सकता है और सामाजिक विद्रूपताओं पर बहुत ही कारगर ढंग से प्रहार किया जा सकता है। नाटक इतने प्रभावशाली होते हैं कि आम जन मानस के मन मस्तिष्क को भी झकझोर कर रख देते हैं, यही इनकी सार्थकता है। इप्टा महासचिव साहना खान ने कहा, प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बाल रंगकर्मी आगे चल कर निश्चित रूप से अपने उस ध्येय में सफल सिद्घ होंगे जिसे लेकर उनमें सीखने की ललक पैदा हुई है। इस अवसर पर राजीव अग्रवाल, राजकुमार प्रजापति, प्रांजुल प्रजापति, निशा अहिरवार, इकरा खान, राज चौधरी, महाराज सिंह, ज्योति रायकवार, राधिका, हर्ष, राज, राम, आयुष रजक, प्रमोद संध्या, संतोषी, अनन्या, स्नेहलता, अंकिता, रोशनी, गुड़िया, प्राची, सोनल, आरती, सागर, अंकुश, अभि, आरोही, खुशी, बाबू, मोनी, राकेश, अनुज आदू मौजूद रहे।

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