नौ तपा के पांचवें दिन गर्मी का सितम जारी रहा लोगों को घर से निकलने मे हुई परेशानी सड़कों में रहा सन्नाटा

फोटो-सडकों पर पडा सन्नाटा

हरिश्चन्द्र दीक्षित बापू रिपोर्टर कालपी

कालपी(जालौन)। नौतपा के पाँचवे दिन भी गर्मी का सितम शबाब पर रहा। लोगो को घर से निकलने में परेशानी हुई जिसके चलते आम जन जीवन अस्त व्यस्त हैं। वैसै तो गर्मी का मौसम तो प्रतिवर्ष आता है लेकिन इसबार इसका असर कुछ ज्यादा ही है हालाकि गर्मी के तेवर तो मई माह की शुरुआत से ही दिखाई देने लगे थे लेकिन यह इतनी होगी इसका किसी को भी अन्दाज़ नही था और 25 मई को नौतपा शुरू होते ही इसका प्रकोप दिखने लगा था और गर्मी का पारा 47 पार कर गया है जो इस क्षेत्र के मौसम के लिए रिकार्ड से कम नही है जिसके चलते यकायक लू लगने से बीमार होने का सिलसिला शुरू हो गया है जिसकी बानगी अस्पतालों में लगी भीड देखकर लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं लोग गर्मी से बचाव के लिए बेहद जरूरी काम होने पर ही निकल रहे हैं साथ ही तहसील समेत अन्य सरकारी कार्यालयों में भी आम आदमी के न आने जाने से सन्नाटा पसरा है तो बाजार में भीड नही हो रही है दुकानदार बैठकर ग्राहको का इंतजार कर रहे हैं और यह सिलसिला शाम तक जारी रहता है। सी एच सी के चिकित्सक डा गोपाल जी द्विवेदी ने लोगो को गर्मी से बचाव के लिए तरल पदार्थ के साथ अधिक से अधिक पानी के सेवन की सलाह दी है साथ ही बुखार, उल्टी दस्त लगने पर त्वरित अस्पताल की शरण लेने की भी नसीहत दी है और कहा कि लापरवाही उनके जीवन पर भारी पड सकती है ।डा विशाल सचान ने भी लोगो को धूप से बचाव करने की सलाह देते हुए कहा है कि गर्मी में हल्का भोजन करे तथा कम से कम बाजार में बने खाद्य पदार्थो का सेवन करें। मौसम के जानकार भोला पुरवार ने कहा है कि बैसे तो गर्मी का प्रकोप तो पानी बरसने के बाद ही कम होगा हालाकि नौतपा 2 जून को समाप्त हो जाएगी जिससे लोगो को कुछ राहत मिल सकती है।चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर दिनेश गुप्ता के अनुसार वर्तमान में बढ़ते हुये तापमान को दृष्टिगत रखते हुये अनावश्यक रूप से धूप में न जायें। हमेशा याद रखे तेज बुखार, सिर दर्द, मतली या उल्टी आना, घबराहट एवं चक्कर आना आदि हीट वेव अथवा लू लगने के लक्षण होने पर तुरना नजदीकी चिकित्सालय से उपचार ले। उन्होंने हीट स्ट्रोक के लक्षण के बारे में बताया कि गर्म लाल शुष्क त्वचा का होना,पसीना न आना, तेज पल्स होना,उथले श्वास गति में तेजी, व्यवहार में परिवर्तन,भ्रम की स्थिति,  सिरदर्द, मतली थकान और कमजोरी होना, चक्कर आना, मूत्र न होना अथवा इसमें कमी। उन्होंने क्या करें के बारे में बताया कि अधिक से अधिक पानी पिये,पसीना सोखने वाले पतले व हल्के रंग के वस्त्र ही पहनें, धूप में जाने से बचें यदि धूप में जाना जरूरी हो तो चश्में, छाते, टोपी व चप्पल आदि का प्रयोग करें, यदि आप खुले में कार्य करते है तो सिर, चेहरा, हाथ-पैरों को गीले कपड़े से ढके रहें और यदि सम्भव हो तो छाते का उपयोग करें, ओ०आर०एस० एवं घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड), नीबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें ताकि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके। हीट स्ट्रोक (लू) के मुख्य लक्षणों में शरीर में कमजोरी का होना, चक्कर आना, सिर में तेज दर्द, उबकाई आना, पसीना आना, कैम्प (मरोड ऐंठन) और कभी-कभी मूर्छा (बेहोशी) आना प्रमुख है इसके लिये तुरन्त चिकित्सक की सलाह लें। घरेलू / पालतू जानवरों को छायादार स्थानों पर रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पीने को दें। गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों व बुजुर्गो की विशेष देखभाल करें।उन्होंने क्या न करे के सम्बंध में बताया कि धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोडे, दिन के 11 बजे से 3 बजे के बीच बाहर न निकले, गहरे रंग के भारी एव तंग वस्त्र पहनने से बचें, खाना बनाते समय कमरे के दरवाजे के खिडकी एवं दरवाजे खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहें, नशीले पदार्थ, शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें, उच्च प्रोटीन युक्त खाद्धय पदार्थ का सेवन करने से बचें। बासी भोजन न करें, भारी कार्य तथा ज्यादा शारीरिक व्यायम से बचें।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आई एस अधिकारी की पत्नी व कालपी की बहू डा.अपर्णा सिंह ने मिसेज यूपी का जीता खिताब

शिक्षक ने लूटी नाबालिग छात्रा की अस्मत

पुलिस ने जमीन के फर्जी बैनामा काण्ड में दस लोगों को गिरफ्तार किया