कोंच- जनसंवाद का सशक्त माध्यम है रंगकर्म-गुर्जर
रंगकर्म की बारीकियों पर चर्चा करते अभिनेता संजय सिंघाल
रिपोर्ट- पुरुषोत्तम दास रिछारिया
* बोले सिंघाल, अभिनेता को वास्तविक संतुष्टि थिएटर से ही मिलती है
कोंच (जालौन)। भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) और कोंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के संयुक्त तत्वाधान में दरिद्र नारायण सेवा समिति आश्रम में चल रही निःशुल्क ग्रीष्मकालीन बाल एवं युवा रंगकर्मी नाट्य कार्यशाला में प्राथमिक शिक्षक संघ नदीगांव के अध्यक्ष रामअनुग्रह गुर्जर ने नन्हें रंगकर्मियों को जरूरी टिप्स दिए, कहा कि रंगकर्म जनसंवाद का सशक्त माध्यम है। इसके माध्यम से हम अपनी बात बेहद ही आसानी से लोगों तक पहुंचा सकते हैं। बच्चे विभिन्न विधाओं को सीख कर गर्मी की छुट्टियों का बिल्कुल सही उपयोग कर रहे हैं, इससे उनकी प्रतिभा में निखार आएगा।
जाने-माने रंगकर्मी एवं एवं 'मोहनदास' जैसी फिल्मो में अभिनय कर चुके अभिनेता संजय सिंघाल ने कहा, सिनेमा पैसा कमाने का माध्यम हो सकता पर अभिनेता को वास्तविक संतुष्टि थिएटर से ही मिलती है। रंगकर्मी सिनेमा और जनता के बीच एक सेतु का काम करता है। इप्टा महासचिव साहना खान ने कहा कि रंगकर्मी में समस्त कलाओं का समावेश होता है। एक श्रेष्ठ कलाकार को न केवल अभिनय बल्कि गायन, वादन, मंच सज्जा, कोरियोग्राफी आदि की भी आधारभूत जानकारी होनी चाहिए। संचालन कार्यशाला संयोजक पारसमणि अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर राजीव अग्रवाल, राजकुमार प्रजापति, प्रांजुल प्रजापति, अमन अग्रवाल, सेंकी, निशा अहिरवार, राज चौधरी, महाराज सिंह, ज्योति रायकवार, राधिका, हर्ष आदि रहे।
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