डेंगू से बचना है तो अपने आसपास नहीं पनपने दें मच्छर-डॉ. आलोक


रिपोर्ट
- कोंच से पी.डी. रिछारिया वरिष्ठ पत्रकार

कोंच (जालौन)। आजकल नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती मच्छरों की संतति लोगों के लिए बीमारियों का सबब बन रही है। मच्छरों के दंश से कई तरह के बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और अस्पतालों में मरीजों की अच्छी-खासी संख्या नजर आ रही है। वरिष्ठ चिकित्सक और नीमा अध्यक्ष डॉ. आलोक निरंजन ने मच्छरों से बचने के लिए लोगों को सावधान करते हुए कहा है कि डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियों की बड़ी वजह ये मच्छर ही हैं। उन्होंने कहा, अपने आसपास मच्छर बिल्कुल भी न पनपने दें।
गौरतलब है कि मच्छरों के काटे जाने से डेंगू, चिकुनगुनिया, टाइफाइड, बुखार जैसी जानलेवा बीमारियां होती हैं। नीमा अध्यक्ष डॉ. आलोक निरंजन ने कहा कि तेज बुखार, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों के ऊपर दर्द, नाक और आमाशय में रक्तचाप होना, बेहोश होना यह सब बुखार के लक्षण हैं जो मच्छरों के काटने से होती हैं। डेंगू मच्छर टूटे खराब पड़े बर्तनों, टायर, डिब्बों, गमलों, कूलर की टंकी आदि में जमा गंदे व ठहरे पानी में उत्पन्न होते हैं। डेंगू मच्छर दिन के समय मनुष्य को काटता है। डेंगू से बचाव हेतु मच्छरों को अपने आसपास बिल्कुल भी न पनपने दें। इन्हें रोकने के लिए जरूरी है कि कहीं भी पानी जमा न होने दें। सप्ताह में एक बार कूलर, पानी की टंकी का पानी जरूर बदलें। उन्होंने कहा कि कई दिनों तक बुखार ठीक न होने पर अस्पताल जाकर जांच कराने के बाद ही उपचार करवाएं, जरा सी भी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।

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