भक्ति ज्ञान वैराग्य और त्याग का मार्ग देती है श्रीमद्भगवत कथा

माधौगढ (जालौन) श्री दुर्गा माता मन्दिर ग्राम पंचायत कुटरा के समस्त भक्त जनों के तत्वावधान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन कथा वाचक पंडित सर्वेश दीक्षित महाराज द्वारा मारकंडेश्वर ऋषि का जन्म द्रौपदी का चीर हरण की कथा को सारगर्भित ढंग से भक्तो के परोसा . शुकदेव जन्म, परीक्षित श्राप और अमर कथा का वर्णन करते हुए बताया कि “नारद जी के कहने पर पार्वती जी ने भगवान शिव से पूछा कि उनके गले में जो मुंडमाला है वह किसकी है तो भोलेनाथ ने बताया वह मुंड किसी और के नहीं बल्कि स्वयं पार्वती जी के हैं। हर जन्म में पार्वती जी विभिन्न रूपों में शिव की पत्नी के रूप में जब भी देह त्याग करती शंकर जी उनके मुंड को अपने गले में धारण कर लेते पार्वती ने हंसते हुए कहा हर जन्म में क्या मैं ही मरती रही, आप क्यों नहीं। शंकर जी ने कहा हमने अमर कथा सुन रखी है पार्वती जी ने कहा मुझे भी वह अमर कथा सुनाइए शंकर जी पार्वती जी को अमर कथा सुनाने लगे। शिव-पार्वती के अलावा सिर्फ एक तोते का अंडा था जो कथा के प्रभाव से फूट गया उसमें से श्री सुखदेव जी का प्राकट्य हुआ कथा सुनते सुनते पार्व...