जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में कारागार में आयोजित विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर में प्रभारी सचिव द्वारा बंद कैदियों को दी गई महत्वपूर्ण जानकारी


उरई(जालौन)।जिला विधिक सेवा प्राधिकारण अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश श्री लल्लू सिंह के निर्देशानुसार सचिव/अपर जिला जज, जिला विधिक सेवा  प्राधिकरण श्री महेन्द्र कुमार रावत द्वारा आज दिनांक 29 फरवरी 2024 को जिला कारागार उरई में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में उपस्थित सिद्धदोष/विचाराधीन बन्दियों को महत्वपूर्ण कानूनी जानकारी प्रदान की गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये सचिव/अपर जिला जज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री महेन्द्र कुमार रावत ने प्ली-वार्गेनिंग स्कीम, समयपूर्व रिहाई और बन्दियों के अधिकारों के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि कोई विचाराधीन बन्दी अधिकतम 07 वर्ष तक की सजा के मामलों में विचाराधीन है, तो जिन्होंने सजा के तौर पर कुछ अवधि जेल में बिता ली हो, वह पीड़ित पक्ष से समझौता कर उसे उचित मुवायजा देकर अपनी सजा न्यायालय से कम करा सकते है, लेकिन इस योजना का लाभ उनको नहीं मिलेगा जिन्होंने देश के विरूद्ध, महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध अथवा आर्थिक अपराध किया हो। 

इस कार्यक्रम के उपरान्त विचाराधीन बन्दियों की समस्याओं के निराकरण हेतु और उनको विधिक सहायता पहुंचाने के लिये सचिव/अपर जिला जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री महेन्द्र कुमार रावत ने जिला कारागार उरई की सभी बैरिकों का निरीक्षण किया। वहां निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों से वार्ता की और उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु एवं पर्याप्त साफ-सफाई हेतु जिला कारागार प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। 

इस अवसर पर जेल अधीक्षक नीरज देव, चिकित्साधिकारी डॉ0 राहुल वर्मन, उप कारापाल तारकेश्वर सिंह एवं अमर सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालौन के कनिष्ठ लिपिक शुभम् शुक्ला समेत सिद्धदोष/ विचाराधीन बन्दी उपस्थित रहे।

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