चौकी इंचार्ज की दूसरी बड़ी लापरवाही, कार्रवाई कब
रिपोर्ट- कोंच से पी.डी. रिछारिया वरिष्ठ पत्रकार
* भेड़ चौकी में बेवजह एक युवक को पीटने के आरोप में दो सिपाही हो चुके है लाइन हाजिर
कोंच। अभी ताजा ताजा मामला कोतवाली क्षेत्र के ग्राम तीतरा खलीलपुर का है जहां चुनावी रंजिश को लेकर दो पक्षों में जबर्दस्त फायरिंग कर गांव में दहशत फैलाई गई। इससे पहले भी दोनों पक्ष कई बार आमने-सामने आकर भिड़ चुके हैं लेकिन चौकी इंचार्ज की तरफ से किसी भी पक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना पुलिस की काफी बड़ी चूक है, नतीजतन बबालियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि आए दिन झगड़ा फसाद की घटनाएं सामने आ रही हैं।
अमूमन छोटी छोटी बातों पर भी पुलिस 107/116 और शांतिभंग की कार्रवाई कर विवाद करने वालों पर दबाव तो बनाती ही है, अपनी खाल भी बचाती है, लेकिन कोतवाली के ग्राम तीतरा खलीलपुर में चुनावी रंजिश को लेकर दो पक्षों में पिछले पंद्रह बीस दिन से विवाद की स्थिति बनी हुई थी और करीब पखवाड़ा भर पहले दोनों पक्ष सड़क पर आकर भिड़ गए जिसमें लट्ठ चले और एक चार पहिया वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया था। इस मामले में एक पक्ष ने फायरिंग कर हमले का आरोप लगाया था। पुलिस ने घटना के कुछ दिन बाद पूर्व प्रधान महेंद्र सिंह यादव की तहरीर पर दूसरे पक्ष के चार लोगों के खिलाफ मारपीट में एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद भेंड़ चौकी इंचार्ज शिवनारायण सिंह ने किसी भी पक्ष पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं की जिससे बबालियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। मारपीट की घटना के पखवाड़े भर बाद ही दोनों पक्ष एक बार फिर सड़कों पर आ गए और जबर्दस्त फायरिंग कर गांव में दहशत फैलाने के साथ साथ लॉ एंड आर्डर खराब करने का भी पूरा प्रयास किया गया। अगर भेंड़ चौकी इंचार्ज समय रहते दोनों पक्षों पर कार्रवाई कर देते तो शायद रविवार की देर शाम तीतरा खलीलपुर गोलियों की आवाज से नहीं थर्राता।
इंसेट में-
बेबजह चौकी में कैसे पिटता रहा युवक, जिम्मेदार चौकी इंचार्ज क्यों नहीं
कोंच। भेंड़ चौकी की एक नहीं, कई लापरवाहियां सामने आ चुकीं हैं, तीतरा की घटना से पहले भेंड़ चौकी का एक बड़ा मामला और सामने आया था जिसमें चौकी के अंदर एक बेकसूर युवक को बाइक चोरी जैसे झूठे मामले में दो सिपाहियों द्वारा बेरहमी से पीटा और उसे घंटों टॉर्चर किया गया था और जब मामला उजागर हुआ और एसपी के संज्ञान तक पहुंचा तो उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था। बड़ा सवाल यह है कि जिस चौकी के अंदर यह घटना हुई थी उसमें जिम्मेदारी चौकी इंचार्ज पर क्यों नहीं आई?
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