भाजपा जिलाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद भाजपा नगर अध्यक्ष पद के लिए उठा पटक शुरु
हरिश्चंद्र दीक्षित बापू रिपोर्टर कालपी
कालपी (जालौन) जनपद में हुयें नेतृत्व परिवर्तन के बाद कालपी भाजपा अध्यक्ष बनने को लेकर अन्दर खाने उठापटक शुरू हो गयी है ऐसे में पार्टी की नवनियुक्त जिलाध्यक्ष उर्विजा दीक्षित के सामने संगठन के समर्पित कार्यकर्ता को ताजपोशी देना एक कठिन चुनौती भी होगी। क्योंकि गत नगर निकाय चुनांव में भाजपा के वयोवृद्ध नेता लोकतंत्र सेनानी रमेश तिवारी का विरोध करने वाले कई नेता नगर अध्यक्ष बनने का सपना सजोयें है। सूबे में भाजपा की सत्ता होने के चलते असली और फसली दोनों वैरायटी के नेता अध्यक्ष बनने का सपना सजोयें है। जनपद में हुयें नेतृत्व परिवर्तन के बाद जिलाध्यक्ष उर्विजा दीक्षित को जनपद की कमान सौपे जाने के बाद कालपी भाजपा नगर अध्यक्ष को लेकर उनका निर्णय भी आगामी लोकसभा चुनाव में भी फर्क डाल सकता है। हालांकि भाजपा में नगर अध्यक्ष पद को लेकर उठापटक शुरू हो गयी है भाजपा के एक कार्यकर्ता ने बताया कि वह नगर अध्यक्षी की दौड़ में नहीं है तथा इस पद को पाने के लियें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के अति करीबी उधोगपति बड़ेरिया फार्मा के मालिक अतुल गुप्ता सिन्टू के अलावा वैश्य एकता परिषद के नगर अध्यक्ष देवेन्द्र गुप्ता के अलावा पूर्व सभासद सुनील गुप्ता का नाम चर्चा में है वही दूसरी ओर ब्राह्मण नेताओं की बात करें तो सुबोध द्विवेदी,अमरदीप पाण्डेय व जीतू तिवारी का नाम चर्चा में है।इसके अलावा क्षत्रिय नेताओं में सतेन्द्र सिंह चौहान,सुरजीत सिंह, दिग्विजय प्रताप सिंह का भी नाम चर्चा में है। वही बैकवर्ड में व्यापार मण्डल अध्यक्ष दिनेश चौधरी,भारत सिंह यादव,पप्पू यादव,राजेन्द्र साहू,अरविन्द राठौर का नाम चर्चा में है इसके अलावा भी कई नेता अन्दर खाने अध्यक्ष बनने का सपना सजोयें है। पार्टी ने भी विचार मंथन शुरू कर दिया है।वहीं खास बात यह है कि गत नगर निकाय चुनांव में पार्टी के बुजुर्ग नेता लोकतंत्र सेनानी रमेश तिवारी को पार्टी का प्रत्याशी बनाया गया तो बड़ी संख्या में भाजपा के नेता व कार्यकर्ताओं ने नाराज हो गये तथा उनका विरोध कर पराजित करवा दिया ऐसे में अगर रमेश तिवारी की रायसुमारी मांगी गयी तो जो अध्यक्ष बनने का सपना सजोयें है पानी फिर सकता है। हालांकि जनपद में जबसे नेतृत्व परिवर्तन हुआ है नगर निकाय चुनांव में विरोध करने वाले नेता और कार्यकर्ता पार्टी में एक बार फिर अपना स्थान बनाने की जुगत में है। लेकिन ऐसे नेता कितने सफल होते हैं यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।
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