सरकारी अस्पताल मे मरीजो की जांचे न हो पाने मरीज तथा तीमारदार परेशान
जालौन से बृजेश उदैनियां की रिपोर्ट
०-बाहर की जांचे कराने पर जेब होती हे खाली
जालौन।सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने में लगी हुई है। चिकित्सालयों में आधुनिक मशीन के साथ सुविधाओं में बढ़ोतरी करने में लगी हुई है जिससे चिकित्सालय में आने वाले मरीजों का बेहतर परीक्षण व उपचार हो सके। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खून की जांच के लिए आयी आयी मशीन एयरकंडीशन के अभाव में आये दिन खराब हो रही है। 3 दिन से मशीन खराब होने के कारण सी बी सी की जांच नहीं हो पा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सरकार ने द्वारा आधुनिक बनाने के लिए प्रयास किया गया। इसके लिए आधुनिक मशीनों को उपलब्ध कराया गया संसाधन जुटाये गये। चिकित्सालय में 4 वर्ष पहले सी बी सी की लगभग 5 लाख कीमत की मशीन उपलब्ध करायी थी जिससे लाल रक्त कोशिकाओं (आर बी सी), सफेद रक्त कोशिकाओं ( डब्ल्यू बी सी ), प्लेटलेट्स, हीमोग्लोबिन आदि की जांच हो सके। सरकार द्वारा उपलब्ध करायी आटोमेटिक मशीन एक निश्चित तापमान 18 - 24 डिग्री पर काम करती है। इसके लिए लैब में एयरकंडीशन का होना आवश्यक है। चिकित्सालय की लैब में एयरकंडीशन न होने के कारण 5 लाख की मशीन आये दिन खराब हो जाती है। बदलते मौसम में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बड़ गयी है। ऐसे चिकित्सक व मरीज दोनों सी बी सी जांच को प्राथमिकता दे रहे हैं। चिकित्सालय में लगी सी बी सी मशीन 3 दिन से खराब पड़ी है। मशीन खराब होने के कारण मरीजों को प्राइवेट पैथोलॉजी से यह महंगी जांच करानी पड़ रही है। मजे की बात है कि नगर में आधा दर्जन पैथोलॉजी होने के बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ 2 पैथोलॉजी की रिपोर्ट आ रही है। ऐसे में दोनों पैथोलॉजी नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर इन पैथोलॉजी में ऐसी क्या विशेषता है जिसके चलते इन्हें प्राथमिकता दी जा रही है।अधीक्षक डां के डी गुप्ता ने बताया मशीन को ठीक कराने रिपोर्ट गयी थी इंजीनियर आया उसे ठीक कराया जा रहा है।
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