क्योलारी पहुंची दो सदस्यीय जांच टीम ने रैबीज लक्षण वालों के लिए सैंपल
कोंच से पी.डी. रिछारिया वरिष्ठ पत्रकार
* एसडीएम के साथ एसीएमओ और स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची क्योलारी गांव
* मामला कुत्ते के काटने से ढाई साल की बच्ची काव्या की मौत का
* काव्या के संपर्क में आए बीस लोग लगवा रहे एंटी रैबीज के इंजेक्शन
कोंच। कुत्ते के काटने से ढाई साल की बच्ची काव्या की मौत के बाद कोंच तहसील के विकासखंड नदीगांव अंतर्गत आने वाले क्योलारी गांव में दहशत का माहौल है। एक पागल कुत्ते के काटने से ढाई वर्षीय बच्ची काव्या की हुई मौत के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में भी खलबली मची हुई है। पूरे मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेकर दो सदस्यीय जांच टीम जिसमें एसडीएम अतुल कुमार और एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र कुमार शामिल हैं, स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ गांव पहुंची। काव्या के संपर्क में आए बीस लोगों में रैबीज के लक्षण मिलने पर प्रशासन व स्वास्थ्य टीम ने शुक्रवार देर शाम गांव में डोर टू डोर रैबीज लक्षण बारे रोगियों से बात की। स्वास्थ्य टीम ने उन सभी के सैंपल लेकर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेजे हैं।
एसडीएम अतुल कुमार और एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र कुमार स्वास्थ्य टीम के साथ क्योलारी गांव पहुंचे। जहां उन्होंने सभी रैबीज लक्षण वाले रोगियों से बात की। अफसरों की टीम पागल कुत्ते के काटने से मृतक हुई काव्या के घर भी गई जहां मृतका के पिता से घटना के बाबत पूरी जानकारी ली। अफसरों के साथ मौजूद डॉक्टरों की टीम ने सभी रैबीज लक्षण बारे रोगियो के सैंपल लेकर जांच के लिए उरई मेडिकल कॉलेज भेजे। गौरतलब है कि तहसील क्षेत्र के क्योलारी गांव के रहने वाले गोलू कुशवाहा की ढाई साल की बेटी काव्या करीब दस बारह दिन पहले अपने मामा के यहां गांव हिड़ोखरा गई थी जहां उसको एक पागल कुत्ते ने उस वक्त काट लिया जब वह घर के बाहर खेल रही थी। बच्ची अपने घर क्योलारी आ गई थी लेकिन कुत्ते के काटने के एकाध दिन बाद ही उस बच्ची में कुत्ते जैसे लक्षण उभरने लगे थे। छोटी बच्ची होने के नाते लोग उसे दुलारने का प्रयास करते और इसी बीच वह उन लोगों को काट या नोंच लेती। ऐसा उसने गांव में लगभग आधा सैकड़ा लोगों के साथ किया है। बच्ची की 22 जुलाई को इलाज के लिए झांसी ले जाते वक्त मौत हो गई थी। बच्ची के मरने की खबर गांव पहुंचते ही वहां दहशत फैल गई और जिन लोगों को बच्ची ने काटा वे एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवा रहे हैं। बताया गया है कि पागल कुत्ते की भी मौत हो चुकी है, हिड़ोखरा गांव में भी तमाम लोग बच्ची के काटे के शिकार हैं। काव्या की मौत पर प्रशासन ने भी गंभीरता से संज्ञान लिया है। एसडीएम अतुल कुमार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नदीगांव को निर्देश दिए हैं कि क्योलारी और हिड़ोखरा गांवों पर नजर रखें, आवश्यकता के अनुरूप उन्हें उपचार मुहैय्या कराएं। ये पूरा मामला सुर्खियों में आने के बाद हर विभाग की नजर गांव पर है। मंगलवार को नदीगांव सीएचसी से प्रभारी डॉ. विनोद कुमार वर्मा, आरबीएस व एमसीडी विभाग की टीमें भी गांव पहुंचीं थीं और ग्रामीणों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना था। टीमें मृतक बच्ची के मामा के गांव हिड़ोखरा भी पहुंचीं थीं।
इंसेट में-
'सैंपल भेजे गए हैं, रिपोर्ट आने पर ही सही जानकारी होगी'
कोंच। एसडीएम अतुल कुमार ने बताया कि प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी से बात की है, जिन लोगों के सैंपल भेजे गए उनकी रिपोर्ट आने पर ही सही तस्वीर सामने आएगी कि किन लोगों में रैबीज लक्षण हैं और किनमें नहीं। सभी का स्वास्थ्य टीम उपचार कर रही है। उन्होंने कहा कि डरने जैसी कोई बात नहीं है।
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