रमेश तिवारी के असामयिक निधन से पत्रकारिता के एक युग का अंत हो गया
कोंच। जिले के जाने-माने पत्रकार और कई सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक संस्थाओं से जुड़े रहे वरिष्ठ पत्रकार रमेश तिवारी का शनिवार देर शाम बीमारी के चलते असामयिक निधन हो गया है। उनके निधन से सभी स्तब्ध हैं और पत्रकारिता के एक युग का अंत मान रहे हैं। रविवार को पहाड़गांव रोड स्थित मोक्षधाम पर हजारों नम आंखों के बीच उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुखाग्नि उनके भतीजे प्रसून ने दी।
जिले के वरिष्ठ पत्रकार अमर उजाला कानपुर संस्करण के कोंच तहसील संवाददाता, श्रेष्ठ रंगकर्मी, रामलीला विशेषज्ञ, कोंच की विश्व प्रसिद्ध रामलीला के सबसे मजबूत स्तंभ, बुंदेली संस्कृति एवं लोककला संवर्द्धन संस्थान के अध्यक्ष पंडित रमेश तिवारी का शनिवार देर शाम उपचार के दौरान झांसी में दुखद निधन हो गया है। उनका इस तरह असमय जाना उनके शुभचिंतकों को स्तब्ध कर गया है। निधन की खबर सुनकर उनके अंतिम दर्शन करने व श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। उनके निधन से पत्रकारिता जगत और रंगकर्म के क्षेत्र की अपूरणीय क्षति हुई है। उनकी कमी जीवन भर खलती रहेगी। रविवार सुबह 11 बजे उनकी अंतिम यात्रा उनके सुभाष नगर स्थित आवास से प्रारंभ होकर डाढी नाका स्थित दो आम वाले मोक्षधाम पर पहुंची जहां उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए जिले भर से सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे थे। वह अपने पीछे वयोवृद्ध पिता ब्रजनंदन तिवारी, तीन बेटियां, तीन भाई कृष्णकांत, हरिश्चंद्र व राघवेंद्र तथा भतीजे, भतीजियों और नाती पोतों का भरा-पूरा परिवार विलखता छोड़ गए हैं। उन्होंने साढ़े चार दशक के पत्रकारिता के जीवन में तमाम उतार चढ़ाव देखे लेकिन कभी डिगे नहीं और पूरी मजबूती के साथ अपनी कलम की पेंनी धार को और पेंना करते हुए अपने मिशन में लगे रहे।
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