वन विभाग परिसर के समीप स्थित वन भूमि पर अबैध कब्जे जारी


हरिश्चंद्र दीक्षित बापू रिपोर्टर कालपी

कालपी (जालौन) वनविभाग परिसर के पास स्थित वन भूमि का व्यवसायिक इस्तेमाल अभी बन्द नही हुआ है। विभागीय मिलीभगत से वहा अवैध कब्जा कर बीयर ठेका के साथ तमाम तरह के कारोबार हो रहे हैं।

नगर में वन भूमि पर कब्जा कोई नई बात नहीं है। विभागीय मिलीभगत से यहा संरक्षित वन क्षेत्र में एक सैकडा से अधिक इमारते खडी हो गई है और यह सिलसिला अभी रूका नही बल्कि विभाग के कार्यालय के बाहर ही विभाग की जमीन पर नगरपालिका परिषद ने सुपर मार्केट खडा कर दिया है और दुकाने बन जाने के बाद वनविभाग ने उक्त जमीन पर अपना दावा किया है। लेकिन इतने के बाद भी विभाग की जमीन पर कब्जे अभी बन्द नहीं है आलम यह है कि वनरेजर के आवास के पास स्थित विभाग की जमीन पर वीयर ठेका के साथ अन्य व्यवसायिक गतिविधियां संचालित है लेकिन विभाग नोटिस देकर भूल गया है जिसके चलते वनभूमि पर अवैध कब्जे बढते ही जा रहे हैं और अब विभाग के जलपान गृह के सामने दुकाने जम रही है। वन रेंजर संजय यादव के अनुसार शीघ्र ही अभियान चलाकर वनभूमि से कब्जे हटाए जायेगें।


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नियमो को दरकिनार कर राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे चल रहा है वीयर का ठेका


विदित हो कि शासन ने अब राष्ट्रीय राजमार्ग से 200 मीटर दूर शराब ठेका खोलने का नियम बनाया है जिसके तहत सभी ठेको को उचित दूरी पर खोलने के निर्देश आबकारी विभाग ने जारी किए थे लेकिन अमलतास तिराहा के पास हाईवे से महज 50 मीटर दूर वीयर का ठेका संचालित हो रहा है लेकिन किसी भी प्रशासनिक अफसर की नजर इस ओर नही गयी है। 


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विधुत विभाग ने भी सरकारी जमीन पर रखे ढाला में दे दिया है संयोजन विदित हो कि अमलतास तिराहा के पास वन विभाग की भूमि पर वीयर का ठेका संचालित है जिसमे विभाग ने संचालन की अनुमति भी नहीं दी है फिर भी विधुत विभाग ने संयोजन दे दिया जिसके चलते विधुत विभाग के जिम्मेदार पर भी सवाल खडे हो रहे हैं। इस सम्बन्ध में जब उपखण्ड अधिकारी आदर्श राज यादव से पूछा गया तो उन्होने बताया कि वीयर ठेका को अस्थाई संयोजन दिया गया है।


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