समलैंगिक विवाह को मान्यता न देने की भाविप की राष्ट्रपति से मांग
कोंच से पी. डी. रिछारिया वरिष्ठ पत्रकार
कोंच। देश में समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देने को लेकर भारत विकास परिषद इकाई कोंच ने शनिवार को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को दिया है।
ज्ञापन में भाविप नगर अध्यक्ष मयंक मोहन गुप्ता, निवर्तमान अध्यक्ष इंजी. राजीव रेजा, कोषाध्यक्ष बलराम डेंगरे, पूर्व अध्यक्ष अवधेश द्विवेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने में तत्परता दिखाई है जो अनुचित है। भारत देश में सदियों से केवल पुरुष एवं महिला के मध्य विवाह को ही मान्यता दी गई है। विवाह न केवल दो विषम लैंगिकों का मिलन है, बल्कि मानव जाति की उन्नति है। सभी धर्मों में सिर्फ विपरीत लिंग के दो व्यक्तियों के विवाह का ही उल्लेख है। ज्ञापन में कहा कि भारतीय सांस्कृतिक सभ्यता पर सदियों से निरंतर आघात किए जा रहे हैं। अब स्वतंत्र भारत में इस प्रकार के निर्णयों से देश की सभ्यता पर गहरी चोट पहुंचेगी। भाविप पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति से मांग करते हुए कहा है कि समलैंगिक विवाह को मान्यता न दी जाए और इस पर रोक लगाई जाए।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें