मोटे अनाजों का दैनिक मे महत्व
जालौन से बृजेश उदैनियां की रिपोर्ट
०--डा0 राजकुमारी, गृह वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र,
जालौन।कृषि विज्ञान केन्द्र जालौन में केन्द्र के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 राजीव कुमार सिंह की अध्यक्षता मे एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आंगनवाड़ी कार्यकत्रियो के लिये आयोजित किया गया। प्रशिक्षण एवं मोटे अनाजों का दैनिक आहार मे महत्व पर प्रकाश डाला गया। साथ ही अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन योजनान्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को पोषण वाटिका लगाने हेतु जायद की सब्जी किट का वितरण किया गया।
प्रशिक्षण का आयोजन डा0 राजकुमारी द्वारा किया गया। प्रशिक्षण में डा0 राजकुमारी ने बताया कि वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और मिलेट्स के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है, क्योंकि मिलेट्स सेहद के लिये बहुत ही फायदेमन्द है। मिलेट्स जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, जौ, कुटकी में प्रोटीन, फाइबर, बी विटामिन, कैल्शियम, आयरन, मैगनीज, मैगनिशियम, फासफोरस, जिंक, पोटेशियम, काॅपर, सैलेनियम सहित बहुत से पोषक तत्व होते है। मिलेट्स एन्टीआॅक्सीडेन्ट, फ्लेबोनोइट्स एंन्थोसायनिन, सैपोनिन का एक पावरहाउस भी है, जो स्वास्थ्य के लिये बहुत फायदेमन्द है, इसलिये इन्हें सुपर फूड भी कहा जाता है। मिलेट्स गेहूं, चावल और मक्का की तुलना मंे पोषक तत्वों से भरपूर होते है। ब्लड ग्लूकोज लेवल को मेनटेन करते है। मिलेट्स खाने से वजन कम करने मंे मदद मिलती है, इसमंे अच्छी मात्र में डायट्री फाइबर होने से डाइजेस्टिव सिस्टम अच्छा होता है। इससे कब्ज, पेट फूलना, सूजन, ऐंठन जैसी परेशानियां कम से कम होती है। कृषि वैज्ञानिक डा0 विस्टर जोशी ने महिलाओं को बताया कि वे स्वयं सहायता समूह बनाकर मिलेट्स से मूल्य सम्वर्धित उत्पाद बनाकर आय अर्जित कर सकती है। कुपोषण को दूर करने के लिये आहार में सम्मिलित करने के लिये गांव की महिलाओं को जागरूक कर सकती है। मिलेट्स कम पानी और कम उपजाऊ भूमि मंे आसानी से उग जाते है। धान और गेहूं की तुलना मंे मोटे अनाज के उत्पादन में पानी की खपत बहुत कम होती है। इसकी खेती मंे यूरिया और दूसरे रसायनों की जरूरत भी नहीं पड़ती है। इसलिये यह पर्यावरण के लिये भी बेहतर होते है। प्रशिक्षण में केवीके के निक्रा प्रोजेक्ट के वरिष्ठ शोधकर्ता श्री सुरजीत पाण्डेय और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों जैसे - प्रीति देवी, अर्चना पाण्डेय, विजयालक्ष्मी, सुमन द्विवेदी, कल्पना देवी आदि जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों से 30 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां सम्मिलित हुई।
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