राक्षसी प्रवृत्तियों का शमन करने के लिए अवतार धारण करते हैं परमात्मा'



कोंच से पी. डी. रिछारिया वरिष्ठ पत्रकार

कोंच। यहां नईबस्ती स्थित विजय के बगीचे में शिव मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान सोमवार को कथा व्यास पं. दीपक त्रिपाठी वृंदावन ने परमात्मा के विभिन्न अवतारों की कथा का वर्णन किया। रामावतार और कृष्णावतार की कथाएं भी उन्होंने सुनाईं, नंदोत्सव में जमकर नाचे भक्त श्रोता। कथा व्यास ने कहा कि जब भी पृथ्वी पर अधर्म बढता है या भक्तों पर संकट आता है, तब परमात्मा अवतार धारण कर पृथ्वी और भक्तों के कष्टों का हरण करते हैं। उन्होंने गजेंद्र मोक्ष की कथा सुनाते हुए कहा, जब प्राणिमात्र के सगे संबंधी उसका साथ छोड़ देते हैं तब ईश्वर ही उन पर कृपा करने के लिए आते हैं। 

विद्वान कथा व्यास ने मत्स्यावतार, कूर्मावतार, वाराह अवतार, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार सहित समय समय पर लिए गए परमात्मा के विभिन्न अवतारों की कथाएं सुना कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने गजेंद्र मोक्ष की कथा के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया कि प्राणिमात्र को केवल परमात्मा पर ही विश्वास करना चाहिए, सांसारिक बंधन तो स्वार्थपूर्ण होते हैं। उन्होंने राम अवतार की कथा में बताया कि जब पृथ्वी पर रावण जैसे राक्षसों के अत्याचार ज्यादा बढ गए तो उन्होंने अयोध्या में राजा दशरथ के यहां अपने अंशों के साथ अवतार लिया और राक्षसी प्रवृत्तियों के संहार के लिए अयोध्या का राज सिंहासन त्याग कर वनवास का वरण किया। उन्होंने कृष्णावतार की कथा सुनाते हुए कहा कि कंस के बढते अत्याचारों से पृथ्वी जब कराहने लगी और उसने गोवेश धारण कर क्षीर सागर में जाकर श्रीहरि से प्रार्थना की तो परमात्मा ने सोलह कलाओं के साथ मथुरा स्थित कंस के कारागार में देवकी और वसुदेव के यहां अवतार धारण किया। जैसे ही कृष्ण प्राकट्य होता है लोग आनंदित हो उठते हैं, कथा स्थल पर गोले दाग कर उनके आगमन का स्वागत किया गया, महिलाओं ने बधाइयां गाईं। धूमधाम के साथ नंदोत्सव मनाया और प्रसाद वितरित किया गया। कथा परीक्षित रजनी रामप्रकाश गौतम ने भागवत जी की आरती उतारी।

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