आजादी के बाद आज तक नगर तथा क्षेत्र रेलवे के मानचित्र से दूर
जालौन से बृजेश उदैनियां की रिपोर्ट
०-देश के प्रथम रेलमंत्री लालबहादुर शास्त्री का आश्वसन आज भी स्वपन
जालौन। आजादी के बाद भी जालौन रेलवे लाइन से वंचित। जिसके चलते बुंदेलखंड में जालौन क्षेत्र विकास और रोजगार में अति पिछड़ा।रेलवे लाइन बिछाए जाने रा कार्य प्रारंभ कराए जाने के लिए नगर के समाजसेवी ने प्रधानमंत्री को भेजा प्रत्यावेदन। समाजसेवी गजेंद्र सिंह सेंगर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजते हुए बताया कि बुंदेलखंड में जनपद जालौन अति पिछड़ा क्षेत्र है इसमें विकास धीमी गति से हो रहा है। रोजगार के साधन भी नहीं है। अगर क्षेत्र में रेलवे लाइन निकल जाए तो रोजगार के साधन तथा विकास के रास्ते खुल जाएंगे। इतना ही नहीं आजादी के बाद भी आज तक जालौन रेलवे के मानचित्र में नहीं पहुंच सका।यह इस क्षेत्र का दुर्भाग्य है। जिसके चलते क्षेत्र विकास तथा रोजगार में अति पिछड़ा क्षेत्र है। जबकि देश के प्रथम रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी जालौन को रेल के मानचित्र में जोड़ने का आश्वासन दिया था तो वहीं एक बार रेल मंत्री बनी ममता बनर्जी द्वारा भी इस जनपद के अति पिछड़े क्षेत्र में रेलवे लाइन की कुछ सर्वे करवाई थी। जिसमें कोंच से फफूंद वाया जालौन 89. 66 किलोमीटर तथा महोबा से भिंड वाया जालौन 217 किलोमीटर की सर्वे भी कराई गई। लेकिन उसके बाद भी आज तक कोई भी इस रेलवे लाइन के लिए ठोस कार्रवाई ना होने पर क्षेत्र के लोग मायूस है तथा क्षेत्र की जनता ने रेलवे लाइन से जुड़ने के लिए तमाम आंदोलन भी किए। 2016 में रेलवे लाइन के लिए नगर तथा क्षेत्र की जनता ने महीनों कर्मिक तथा आमरण अनशन भी किए लेकिन कोई भी कार्रवाई न होने से लोग निराश है। क्षेत्र में रेलवे लाइन का कार्य शुरू हो जाए तो क्षेत्र का विकास तथा रोजगार दोनों अच्छा होने की उम्मीद हैै।
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