हरी मटर के फली के अचानक भाव गिरने से किसान चिंतित
जालौन से बृजेश उदैनियां की रिपोर्ट
०-व्यापारियो पर अपनी मर्जी से भाव के उतार चढाव का किसानो ने लगाया आरोप
०-किसानो फली के भाव स्थिर रखे जाने की उठाई मांग
जालौन।हरी मटर की फली के भाव गिरने से किसान चिंतित कई किसान को इसी फसल से बेटी की शादी करना तथा बैंकों के कर्ज आदि को अदा करने की सता रही है चिंता। किसानों ने हरी मटर के फली के दाम स्थिर बनाए रखने की मांग उठाई तो वही कुछ किसानों ने व्यापारियों पर भाव के उतार-चढ़ाव के कई गंभीर आरोप भी लगाए।हरी मटर की फली के दाम अचानक 30 से 35 रूपये गिरने से किसानों के माथे में चिंता की लकीरें स्पष्ट झलकती नजर आ रही हैं। किसानों ने हरी मटर की फसल की उपज के लिए हजारों रुपए खर्च किए जिसके लिए उसने कहीं साहूकारों से तो कहीं बैंकों से कर्ज लिया तब कहीं उसने अपनी मटर की बुवाई की। किसान विजय शर्मा छिरिया सलेमपुर बताते हैं कि बुवाई के समय मटर का बीज किसानों ने 7हजार से 10 हजार रूपये तक खरीदा इसके बाद उसमें बखराई बुबाई बर्षा आदि में हजारों रुपए खर्च इस उम्मीद के साथ खर्च किये कि उसकी फली के दाम अच्छी मिल जाने पर वह सारे खर्चों को पूरा कर लेगा। किसान गजेंद्र सिंह सेंगर कुठौदा बुजुर्ग बताते हैं कि फली के दाम कम होने से किसान चिंतित हैं।क्षेत्र के किसान अधिकतर हरी मटर फली पर ही निर्भर हैं कई किसानों को अपनी बेटियों की शादी करनी है तो कई किसानों ने बैंक से कर्ज लेकर हरी मटर फली की फसल की है। लगातार दाम गिरने से वह खर्चों को पूरा नहीं कर पा रहा है। अब ऐसे में कैसे उसके कर्ज अदा हो पाएंगे तो वही किसान मनोज सुनील बृजेश अरुण कमलेश प्रतीक आदि ने कहा है कि इस क्षेत्र में ज्यादातर किसान हरी मटर की फसल करता है उसी पर निर्भर रहता है इस बार देरी से बारिश होने पर किसानों ने सिर्फ एक ही फसल हरी मटर की फसल कर पाई। इसके बाद वह अब अगली दूसरी फसल भी नहीं कर पाएगा तथा मटर के दाम गिरने से किसान चिंता में है। कैसे वह अपने कर्ज अदा करेगा प्रशासन इस ओर ध्यान दे और किसानो की पीडा को ध्यान मे रखते हुये भाव स्थिर करने की योजना बनाये। तो वही किसानो ने व्यापारियों पर अपनी मर्जी से भाव मे उतार चढाव के भी आरोप लगाये।
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