गोवर्द्धन पूजा करा कर इंद्र का घमंड चूर किया कृष्ण ने-पं. दीपक त्रिपाठी
कोंच से पी. डी. रिछारिया वरिष्ठ पत्रकार
कोंच। नईबस्ती विजय के बगीचे में स्थित शिव मंदिर पर चल रहे श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में मंगलवार को कथा व्यास पं. दीपक त्रिपाठी वृंदावन धाम ने श्रोताओं को भगवान कृष्ण की लीलाओं की कथा का संगीतमय रसपान कराते हुए कहा कि जो जिस भाव से भजता है परमात्मा उसे उसी रूप में प्राप्त होते हैं। कृष्ण ने ब्रजवासियों से गोवर्द्धन पर्वत की पूजा करा कर इंद्र का घमंड चूर चूर कर दिया। इस लीला के माध्यम से परमात्मा ने प्रकृति से प्रेम और उसका संरक्षण करने का भी संदेश दिया।
कथा व्यास ने बताया कि कृष्ण को मारने आई पूतना ने जब कालकूट बिष में सने स्तन का पान कराया तो भगवान ने दूध के साथ उसके प्राणों का भी पान करके उसे मातृपद प्रदान किया। अघासुर, वकासुर, तृणावर्त आदि राक्षसों का वध कर उन्हें मोक्ष प्रदान किया। कथा व्यास ने महारास, गौचारण आदि लीलाओं का संगीतमय दर्शन श्रोताओं को कराया। ब्रजवासियों को इंद्र की पूजा की तैयारियां करते देख गोपाल कृष्ण ने उन्हें इंद्र के बजाए उस गोवर्द्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा जो जीविकोपार्जन के लिए जीवों को सब कुछ देता है। ब्रजवासियों ने कृष्ण का कहना मानकर गोवर्द्धन की पूजा की तो इंद्र ने कुपित होकर प्रलयंकारी बर्षा कर ब्रजवासियों को त्रास दिया, लेकिन कृष्ण ने अपनी कनिष्का पर गोवर्द्धन धारण कर ब्रजवासियों की रक्षा की और इंद्र का गर्व चूर किया। श्रोतागणों ने कथा का रसपान के मध्य संगीतमय भजनों पर भक्तिभाव में आनंदित होते हुए जमकर नृत्य किया। कथा परीक्षित रजनी रामप्रकाश गौतम ने भागवत जी की आरती उतारी एवं अंत में प्रसाद वितरित किया गया।
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