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हृषीकेश त्रिपाठी - शिक्षक एवं ज्योतिर्विद् |
"सनातनी सावधान"
हिन्दुओं का नववर्ष चैत्रमास में शुक्ल-पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि के साथ प्रारम्भ होता है, 1 जनवरी से नहीं। हिन्दू धर्म एवं संस्कृति पूर्ण रूप से आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक है; इसके बावजूद भी अपनी संस्कृति को भूलते हुये एवं पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण करते हुये अंग्रेजी नववर्ष मनाना प्रत्येक हिन्दू के लिये न केवल व्यक्तिगत रूप से अपितु समूचे राष्ट्र के लिए विनाशकारी है। अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना तो उचित है परन्तु अंग्रेजी मानसिकता बेहद खतरनाक। हिन्दू केवल अंग्रेजी नववर्ष के आयोजन तक ही सीमित नहीं है, वरन् बच्चों के जन्मोत्सव एवं वैवाहिक वर्षगांठ जैसे महत्वपूर्ण आयोजन में भी पूर्ण उल्लास के साथ पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण करते हुये दिखाई देते हैं। हिन्दू होकर केक काटते हुये, नशीले एवं मादक पदार्थों का सेवन करते हुये, होटल्स में फूहड़ता के साथ पार्टियां करते हुये हिन्दुओं की मानसिक विक्षिप्तता को प्रदर्शित करता है क्योंकि हिन्दू संस्कृति के अनुसार उत्सव वैदिक एवं शास्त्रोक्त विधि के साथ संपन्न किये जाते हैं जिसके फलस्वरूप संस्कार सुरक्षित रहते हैं एवं सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हमारी संस्कृति का विदेशों में डंका बज रहा है जबकि हमारा दुर्भाग्य यह है कि हम अपनी संस्कृति से दूरियां बनाते जा रहे हैं जिसके फलस्वरूप हमारे बच्चे संस्कारहीन होते जा रहे हैं।
विद्यार्थी जीवन बहुत ही नाज़ुक और महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह पूरे जीवन की नींव का निर्माण करता है। बच्चे अपने वास्तविक इतिहास से अनभिज्ञ हैं। अपने बच्चों के भविष्य एवं आने वाली पीढ़ियों के बारे में विचार कीजिये। यदि हम कहते हैं कि हम तो हिन्दू संस्कृति के भी अनुयायी हैं तो हमें ज्ञात होना चाहिये कि दो नौकाओं की सवारी सम्भव है ही नहीं अर्थात् गैरसनातनी विचारधारा से अपनी संस्कृति को कदापि सुरक्षित नहीं रखा जा सकता।
भारतवर्ष में अनेक धर्म, मजहब एवं सम्प्रदायों के लोग रहते हैं और सभी को अपनी-अपनी संस्कृति के अनुसरण करने की पूर्ण स्वतन्त्रता है। हम सभी को अन्य धर्मों, मजहबों एवं सम्प्रदायों आदि के प्रति आदर एवं सम्मान का भाव रखते हुये "केवल और केवल अपनी ही संस्कृति का अनुयायी होना चाहिये"। यह बात प्रत्येक भारतीय नागरिक को न केवल समझने की बल्कि मन, वचन एवं कर्म से पूर्ण रूप से व्यवहार में लाने की अत्यन्त आवश्यकता है तभी हमारे परिवार, समाज एवं यह राष्ट्र सुरक्षित रहेगा।🙏
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