पत्रकार के खिलाफ एफआईआर से भड़के मीडिया कर्मियों का क्रमिक अनशन शुरू


कोंच से पी. डी. रिछारिया वरिष्ठ पत्रकार

 * चंदकुआं स्थित बाई सा की प्रतिमा के नीचे 10 से 2 जारी रहेगा अनशन 

* बोले पत्रकार, मीडिया कर्मियों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा 
कोंच। वकील को पीटे जाने की घटना में दर्ज कराई गई एफआईआर में मौके पर समाचार कवरेज कर रहे पत्रकार की नामजदगी से खफा डिस्ट्रिक्ट प्रेस क्लब के मीडिया कर्मी मंगलवार को चंदकुआं स्थित रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा के नीचे क्रमिक अनशन पर बैठ गए। पत्रकारों की मांग है कि एफआईआर से पत्रकार का नाम तत्काल हटाया जाए। अनशन स्थल पर पहुंचे डिस्ट्रिक्ट प्रेस क्लब के जिलाध्यक्ष मनोज राजा समेत जिले के अन्य पत्रकारों ने दो टूक जता दिया है कि अगर पुलिस ने सही जांच करके पत्रकार का नाम नहीं हटाया तो आंदोलन की धार और पेंनी करते हुए पूरे जिले में आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। ये अनशन पुलिस प्रशासन को दी गई पूर्व निर्धारित चेतावनी के मुताबिक शुरू किया गया है। 'आवाज दो हम एक हैं', 'पत्रकार एकता जिंदाबाद', 'हर जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है' जैसे गगनभेदी नारे लगाते हुए मंगलवार को सुबह दस से दोपहर दो बजे तक अनशन चला।
गौरतलब है कि पिछले दिनों जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में मुंसिफी परिसर के पास चले लाठी डंडों की घटना में एक वकील की भी पिटाई हुई थी। इस मामले में अधिवक्ता असित कुशवाहा की ओर से लिखाई गई एफआईआर में मौके पर घटना की कवरेज कर रहे एक अखबार के पत्रकार अरुण पटेल की नामजदगी से पत्रकारों में गुस्सा है। पिछले दिनों बैठक करके पत्रकारों ने सीओ और कोतवाल को ज्ञापन देकर चेतावनी दी थी कि अगर एफआईआर से पत्रकार का नाम न हटाया गया तो डिस्ट्रिक्ट प्रेस क्लब के मीडिया कर्मी 29 नवंबर से चंदकुआं पर वीरांगना लक्ष्मीबाई की प्रतिमा के नीचे क्रमिक अनशन शुरू कर देंगे। दी गई मियांद गुजर जाने और एफआईआर से नाम अभी तक नहीं हटने और न ही इस तरह का कोई आश्वासन पुलिस की तरफ से मिलने से नाराज पत्रकार मंगलवार को क्रमिक अनशन पर बैठ गए। वरिष्ठ पत्रकार अशफाक खान बल्लू की अध्यक्षता में हुए पहले दिन के क्रमिक अनशन में पहुंचे डिस्ट्रिक्ट प्रेस क्लब के जिलाध्यक्ष मनोज राजा, मनोज शर्मा, संजय गुप्ता, रमेश पांचाल आदि ने स्थानीय पत्रकारों के इस कदम का नैतिक समर्थन करते हुए कहा, जातीय आधार पर पत्रकार की नामजदगी बिल्कुल गलत है, इस तरह से पत्रकारों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पत्रकारों ने यह भी कहा कि अगर पुलिस सही जांच कर पत्रकार का नाम नहीं हटाती है तो पहले पुलिस के गुडवर्क छपने बंद होंगे फिर प्रशासन की खबरें रोकी जाएंगी। संचालन डॉ. मृदुल दांतरे ने किया। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार रमेश तिवारी, पुरुषोत्तमदास रिछारिया, अंजनी श्रीवास्तव, अशफाक खान, अतुल चतुर्वेदी, राजेंद्र यादव, डिस्ट्रिक्ट प्रेस क्लब के तहसील अध्यक्ष संजय सोनी, महामंत्री तरुण निरंजन, विवेक द्विवेदी, विवेक चड्ढा, रविकांत द्विवेदी, संजय यादव, जयप्रकाश रावत, दिलीप पटेल, शाहरुख खान, मोहम्मद यूसुफ, राहुल राठौर, चंदन राही, बांके बिहारी सोनी, रोहित राठौर, जहांगीर मंसूरी, पवन अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

इंसेट में-
कई लोग नैतिक समर्थन में पत्रकारों के साथ खड़े नजर आए
कोंच। हालांकि पत्रकारों की ये लड़ाई सीधे सीधे पुलिस प्रशासन से है जिसे पत्रकार पूरे दमखम के साथ लड़ भी रहे हैं लेकिन कई लोगों ने इस मामले में पत्रकारों को अपना नैतिक समर्थन देते हुए अनशन स्थल पर अपनी मौजूदगी दर्शाई। उन्होंने भी कहा, पत्रकार वह कौम है जो शोषितों, पीड़ितों और वंचितों की लड़ाई लड़ती है, अगर पुलिस या प्रशासन पत्रकारों का उत्पीड़न करते हैं तो समाज में इसका नकारात्मक संदेश जाएगा, लिहाजा मामले की जांच सही ढंग से करते हुए पत्रकार का नाम एफआईआर से बाहर होना ही चाहिए।

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