बिना मांगे ही परमात्मा अपने भक्तों को सब कुछ प्रदान कर देता है-महंत बलभद्र दास



कोंच से पी. डी. रिछारिया वरिष्ठ पत्रकार
* शीतला माता मंदिर पर सप्तम दिवस विश्राम वेला में सुदामा चरित्र की कथा सुनाई
कोंच। प्रताप नगर स्थित मां शीतला सिंह वाहिनी मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में बुधवार को सप्तम दिवस की विश्राम वेला में कथा व्यास महंत बलभद्र दास ने सुदामा चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि परमात्मा बिना मांगे ही भक्तों को सब कुछ प्रदान कर देता है। जिस प्रकार भगवान द्वारिकाधीश ने अपने परम भक्त और बालसखा सुदामा को बिना मांगे ही दो लोकों का ऐश्वर्य प्रदान कर दिया था। 

कथा व्यास ने कहा, सुदामा भगवान द्वारिकाधीश के परम भक्त और बालसखा हैं। साधनहीन होते हुए भी वह भगवान में पूरी तरह आसक्त हैं और भगवान का गुणगान करते हुए भिक्षा में जो कुछ भी मिल जाता उसी में संतुष्ट हैं। एक बार जिद करके उनकी पत्नी सुशीला ने उन्हें द्वारिकाधीश के पास जाने के लिए विवश कर दिया और पड़ोसियों से मांग कर लाए गए तंदुल एक पोटली में बांध कर सुदामा को दे दिए। हरिनाम स्मरण करते हुए वे जैसे तैसे द्वारिकापुरी पहुंचते हैं, इस काम में स्वयं द्वारिकाधीश वेष बदलकर उनकी मदद करते हैं। वहां पहुंचने पर द्वारिकाधीश ने उनका भव्य स्वागत किया। भावविह्वल द्वारिकाधीश अपने मित्र को सामने पाकर अपने अश्रु नहीं रोक सके और आंसुओं से ही उनके पैर धो दिए। द्वारिकाधीश ने सुदामा की कांख में दबी पोटली लेकर दो मुट्ठी तंदुल अपने मुख में डाल कर उन्हें दो लोकों का ऐश्वर्य प्रदान कर दिया। अंत में कथा परीक्षित मुन्नालाल यादव-कांति देवी ने भागवत जी की आरती उतारी, प्रसाद वितरित किया गया। भागवत कथा के आयोजक हरिओम यादव फटूले ने श्रोताओं का आभार जताया। 1 दिसंबर गुरुवार को हवन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। 

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