रामलीला मे सूर्पनखा के नाक कान का किया गया छेदन
जालौन से बृजेश उदैनियां की रिपोर्ट
जालौन।रामलीला महोत्सव नशे दिन सूपनखा के नाक कान छेदन की लीला का मंचन किया गया। जिसमें सुंदरी तथा राम के तर्क वितर्क सुनकर दर्शकों ने उस संवाद की जमकर सराहना की। रामलीला का शुभारंभ सभासद विनय श्रीवास्तव के द्वारा आरती कर किया गया।
नगर की प्राचीन ऐतिहासिक रामलीला महोत्सव के नवें दिन सूप नखा के नाक कान छेदन की लीला का मंचन जनपद के महान कलाकारों द्वारा अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए किया गया। राम द्वारा पंचवटी में जाकर विश्राम किया गया। तभी रावण की बहन सूपनखा वहां घूमती घूमती आ गई।तथा राम और लक्ष्मण को देखकर वह उन पर मोहित हो गई। उसने सुंदरी का रूप धारण कर राम जी से विवाह का प्रस्ताव रखा। राम जी द्वारा बताया गया कि वह अपनी पत्नी के साथ यहां आये है।उसके छोटे भाई के पास जाओ शायद कुछ काम बन जाए। लक्ष्मण द्वारा भी उसका प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया। इस बात से नाराज होकर वह अपने रूप में आ गई। तभी लक्ष्मण जी ने उसके नाक कान छेदन कर दिए।वह रोती बिलखती अपने भाई के दरबार में पहुंची। राम तथा सुंदरी के बीच हुए तर्क़ वितर्क को सभी दर्शकों द्वारा जमकर सराहा गया।राम की भूमिका में मनोज तिवारी सुंदरी पायल सूपनखा राम प्रकाश शर्मा लक्ष्मण दीपक पटेरिया ने अपनी अपनी कला का प्रदर्शन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के निर्देशक प्रयाग नारायण दुबे रामशरण शर्मा ने किया मंच का संचालन पवन चर्तुवेदी तथा राजकुमार मिझोना द्वारा किया गया।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें