जिलाधिकारी का निर्देश चिकित्सक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में समस्याओं के निस्तारण में शिथिलता ना बरतें

उरई(जालौन)।जिलाधिकारी चाँदनी सिंह ने बताया कि जनपद जालौन की सीमा में प्रवाहित यमुना, एवं सिंध नदी का जल स्तर अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाने के कारण बाढ़ का पानी तहसील माधौगढ़, जालौन एवं कालपी के कतिपय ग्रामों में प्रवेश कर गया है जिससे इन क्षेत्रों में निवास करने वाले परिवारों को उनकी फसलें जलमग्न होने, मकान गिरने से भारी आर्थिक क्षति होने एवं बाढ़ प्रभावित ग्रामों में संक्रमण/ बीमारियों के फैलने की सम्भावना बनी हुई है। बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों को विस्थापन, उनके भोजन, इलाज आदि तात्कालिक व्यवस्था हेतु निम्न आदेश पारित किये जाते हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ का प्रभाव समाप्त होने पर तथा तेज धूप निकलने पर विभिन्न प्रकार की बीमारियों का प्रकोप फैलने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। अतः ऐसी स्थिति में प्रभावित ग्रामों में चिकित्सीय टीम गठित कर आवश्यक औषधियों से उपचार की तात्कालिक व्यवस्था मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। नदी का जल स्तर कम हो रहा है जिससे प्रभावित ग्रामों से पानी उतार पर है। पानी के बहाव में नदी का मलवा आदि छोड़े जाने की पूर्ण सम्भावना रहेगी। अतः गाँव में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने हेतु प्रत्येक प्रभावित ग्राम में दो-दो सफाई कर्मचारियों की तैनाती जिला पंचायत राज अधिकारी करना सुनि
श्चित करेगें तथा इन कर्मचारियों के पर्यवेक्षण हेतु अन्य विकास खण्डों के सहायक विकास अधिकारी पंचायत की भी तैनाती भी सुनिश्चित करेगें। बाढ़ का प्रभाव समाप्त होने पर प्रभावित ग्रामों में पशुओं के बीमार होने एवं विभिन्न प्रकार पशु रोग फैलने की सम्भावना के दृष्टिगत मुख्य पशु चिकित्साधिकारी जनपद में अन्य चिकित्सालयों के पशु चिकित्साधिकारियों की टीम गठित कर बीमार पशुओं का यथा सम्भव उपचार करना सुनिश्चित करेगें । बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के ग्राम जलमग्न हो जाने के कारण पशु चारे की समस्या उत्पन्न हो जायेगी। इसलिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ऐसे सभी ग्रामों का आंकलन करवा ले और पशु चारे की पूर्ति आस-पास के ग्रामों से खण्ड विकास अधिकारी के सहयोग से सुनिश्चित करायेगें ।यदि किसी ग्राम में पशु चारे की समस्या का शिकायत प्राप्त होती है तो उसके लिये मुख्य पशु चिकित्साधिकारी / संबंधित खण्ड विकास अधिकारी उत्तरदायी होगे। सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि यदि कोई पशु बीमारी के कारण अथवा अन्य किसी कारण से मृत्यु को प्राप्त हो जाता है तो मृत शव का निस्तारण तत्काल सुनिश्चित करायेगें ताकि किसी गम्भीर बीमारी फैलने की सम्भावना न रहे। पुलिस अधीक्षक जालौन से अपेक्षा की जाती है कि वह बाढ़ प्रभावित ग्रामों में पुलिस कांस्टेबिल/उप निरीक्षक की तैनाती कर दें ताकि जन सामान्य में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाये रखने का समुचित प्रयास करें तथा किसी प्रकार की अफवाह फैलने पर प्रभावी नियंत्रण बनाये रखें। साथ ही तैनात पुलिस कर्मचारी / अधिकारी अराजकतत्वों पर भी सतर्क दृष्टि बनाये रखेगें और महत्वपूर्ण सूचनाओं से उच्च अधिकारियों को अवगत कराते रहेगें। संबंधित तहसील की नगरपालिका परिषद / नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अपने उप जिलाधिकारी से समन्वय स्थापित करते रहेगें और बाढ़ का पानी समाप्त होने पर प्रभावित ग्रामों में सफाई व्यवस्था पुर्नस्थापित कराये जाने हेतु आवश्यकतानुसार अपने सफाई कर्मचारी / सफाई उपकरण / वाहन राजस्व ग्रामों को उपलब्ध करा देगें। बाढ़ समाप्त होने पर संबंधित उप जिलाधिकारी द्वारा बाढ़ से हुई क्षति का आकलन सुनिश्चित कराया जाएगा। इस हेतु अन्य क्षेत्रों के राजस्व कर्मी यथा क्षेत्रीय लेखपाल / राजस्व निरीक्षक तैनात कर ग्राम बार एवं परिवार बार क्षति व फसल का आंकलन सुनिश्चित करेगें तथा निर्धारित प्रारूप पर सर्वे रिपोर्ट संकलित कर दैवी आपदा अनुभाग को 15 दिवस में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगें जिससे प्रभावित व्यक्तियो / परिवारों को समय से राहत दी जा सके। राजस्व कर्मियों एवं बीमा कम्पनी के प्रतिनिधियों के साथ फसलों की क्षति का भी आंकलन सुनिश्चित किया जाएगा। बीमा कम्पनियों द्वारा जिन फसलों को बीमित किया गया है, उनकी मुआबजा की धनराशि निर्धारण करेगें। उप निदेशक कृषि / जिला कृषि अधिकारी बीमा कम्पनी के प्रतिनिधियों के साथ अपने विभाग का एक-एक निरीक्षक / कर्मचारी तैनात कर देगें और सर्वे कार्य पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित करेगें।संबंधित उप जिलाधिकारी / तहसीलदार / खण्ड विकास अधिकारी / जिला पंचायत राज अधिकारी प्रभावित ग्रामों में तैनात किये गये कर्मचारियों के नाम / मोबाइल नम्बर प्राप्त कर लें और एक सूची संकलित कर जिला मुख्यालय पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगें।जनपद मुख्यालय पर अधोहस्ताक्षरी के कैम्प कार्यालय पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका नम्बर 05162-252200 एवं 05162-252390 है, पर आवश्यकतानुसार सूचना उपलब्ध करायेगें। उपरोक्त समस्त राहत कार्य हेतु जनपद मुख्यालय पर अपर जिलाधिकारी (वि०एवं रा०) एवं मुख्य विकास अधिकारी नोडल अधिकारी होंगे, जो अधीनस्थ अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर उपरोक्तानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करायेंगे तथा समय-समय पर अनुश्रवण कर प्रगति से अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराते रहेगें। राहत कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आई एस अधिकारी की पत्नी व कालपी की बहू डा.अपर्णा सिंह ने मिसेज यूपी का जीता खिताब

शिक्षक ने लूटी नाबालिग छात्रा की अस्मत

पुलिस ने जमीन के फर्जी बैनामा काण्ड में दस लोगों को गिरफ्तार किया