उत्तराखंड राज्य पत्रकारों ने बनाया, बुन्देलखंडी प्रेरणा लें- राजा बुन्देला

उरई (जालौन)। उत्तराखंड राज्य पत्रकारों ने बनाया। बुन्देलखंडी इससे प्रेरणा लें, यह बात आज लक्ष्मीबाई सभागार विकास भवन उरई में बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त राजा बुन्देला ने कही। वे आज यू.पी.जर्नलिस्ट एसोसियेशन, श्रमजीवी पत्रकार संघ, श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, ग्रामीण पत्रकार एसोसियेशन, सिटी रिपोर्टर संघ सहित पत्रकार संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे।

श्री बुन्देला ने कहा कि बुन्देलखंड के समग्र विकास के लिए यह जरुरी है कि पत्रकार संगठन तीन दिवसीय कार्यशालाओं का आयोजन करें, जिसमें एक दिन लोक कलाकारों का और रंगमंचीय कलाकारों कार्यक्रम हो, दूसरे दिन उद्योग जगत और खेल जगत की उभर रही प्रतिभाओं को बुलाया जाये जबकि तीसरा दिन पत्रकारों का जनप्रतिनिधियों और विभिन्न दलों के नेताओं का हो, इससे पूरे क्षेत्र की प्रतिभाएं उभर कर सामने आ जायेगी, और उससे बुन्देलखंड के समग्र विकास के लिए असली रोड मैप बनेगा।

इस अवसर पर श्री बुन्देला ने कहा कि वे असल में बुन्देलखंड की समस्याओं के डकियां है, जो इन समस्याओं को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री तक पहुंचाते हैं। उन्होने कहा कि जो पत्रकार 60 वर्ष की उम्र के हो चुके हैं उन्हें जिस तरह से राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल में पेंशन मिलती है उसी तरह वे मुख्यमंत्री से मिलकर उत्तर प्रदेश के पत्रकारों को भी पेंशन दिलाने के लिए मांग करेंगे। उन्होने कहा कि पत्रकारों को आवास मिले इसके लिए भी सरकार से कहेंगे। उन्होने कहा कि यह मांग उठी है कि चाहे ग्रामीण हो, या शहरी हो, कोई भी पत्रकार के विरुद्ध प्रार्थना पत्र आता है तो पहले सीओ स्तर पर जांच हो, तब मुकदमा दर्ज हो।

उन्होने कहा कि जहां तक पत्रकार भवन की बात है मैं पिछले वर्षो से जालौन जिले के पत्रकारों से कहता आया हूं कि मुझे वह लिखित प्रार्थना पत्र दें तो सरकार इस मामले में भी कार्रवाई करेगी। पत्रकार भवन बनना ही चाहिए। उन्होने पत्रकार संगठनों के द्वारा जिले के दो मूर्धन्य पत्रकारों को लाइफटाइम आचीवमेंट पुरस्कार देने के लिए सराहना की। उन्होने कहा कि यज्ञदत्त त्रिपाठी और अयोध्या प्रसाद गुप्त कुमुद बुन्देलखंड के पत्रकारिता और साहित्य के हीरे है इन्हें हमें सजो कर रखना चाहिए।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष डा.घनश्याम अनुरागी ने पत्रकारों  की समस्याओं का हर स्तर पर निराकरण कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज का आइना हैं। इनकी समस्याओं को सुनकर निराकरण कराना हम सभी का दायित्व है। मुख्य विकास अधिकारी डा.अभय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ जो समय-समय पर समाज और शासन-प्रशासन को दिशा दिखाने का काम करता है। अपर पुलिस अधीक्षक असीम चौधरी ने कहा कि कलम तलवार से भी ज्यादा ताकतवर होती है और इसका उपयोग समाज की समस्याओं का निराकरण निष्पक्षता रुप से होता रहे, क्योकि लोकतंत्र को जितनी जरुरत मीडिया की है उतनी ही मीडिया को लोकतंत्र की जरुरत है।

इस अवसर पर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित बुजुर्ग पत्रकार/साहित्यकार यज्ञदत्त त्रिपाठी ने कहा कि जिस कानून के तहत उन्हें जेल भेजा गया था उसे सुप्रीमकोर्ट ने हटा दिया है, लेकिन पत्रकारिता की ऐसी ताकत थी कि एक रुपक लिखने में उन पर जो राजद्रोह का आरोप लगा था उसे तत्कालीन मुख्यमंत्री ने वापस लिया था। इस अवसर पर पुरस्कृत बुजुर्ग पत्रकार/साहित्यकार अयोध्या प्रसाद कुमुद ने कहा कि पत्रकारों को हमेशा यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि तथ्य सही हो और टिप्पणी के लिए वह स्वतंत्र है। दोनों बुजुर्ग पत्रकारों ने इस पुरस्कार के लिए पत्रकार संगठनों का धन्यवाद दिया। पूर्व ब्लाक प्रमुख सुदामा दीक्षित  ने कहा कि पत्रकार हमेशा से समाज को हमेशा से आइना दिखाने का काम करते रहे। सामाजिक न्याय किसान मंच राष्ट्रीयाध्यक्ष सुरेश निरंजन भैयाजी ने कहा कि आजाद भारत में आज जो हम सांसें ले ले रहे हैं इसके पीछे पत्रकारों की अहम भूमिका है। उन्होने कहा कि कई पत्रकारों ने आजादी की लड़ाई में बलिदान दे दिया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजवीर जादौन ने कहा कि 80 प्रतिशत ग्रामीणों की समस्याओं को उठाने का काम ग्रामीण पत्रकार करते हैं और उनकी ही हालत सबसे ज्यादा खराब है। 

भाजपा महिला मोर्चा की कानपुर/बुन्देलखंड प्रांत अध्यक्ष उर्विजा दीक्षित ने कहा कि जालौन जिले के कुछ पत्रकारों ने … 

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