गांव की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त,ज्यादातर सफाई कर्मी अधिकारियों की सेवा भाव मस्त*


जालौन।विकासखंड क्षेत्र के 94 गांव की सफाई व्यवस्था मात्र 75 सफाईकर्मियों के सहारे बाकी सफाई कर्मी अधिकारियों की अगुवाई में लगे। कैसे सुधरेगी गांव की सफाई व्यवस्था।आखिर अधिकारियों पर क्यों नहीं होती कार्रवाई।कब होगा सिस्टम मे बदलाव।

योगी सरकार मे जहा एक ओर विकास कार्य पर जोर दिया जा रहा है।वही ग्रामीण क्षेत्र की अभी भी दशा दयनीय बनी हुई।गांव मे सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है।सफाई कर्मी मौज मस्ती काटने मे मस्त है।उनके ऊपर अधिकारियों का आर्शीवाद है।कोई सफाई कर्मी किसी अधिकारी के घर पर तो कोई आंफिस मे अटैच के नाम पर मौज मस्ती काट रहा है। विकासखंड क्षेत्र के अधिकांश ग्राम पंचायतों की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे है।गांव में कभी भी सफाई कर्मी नहीं आता और जहा कभी आते है तो वह भी अपनी मन मर्जी से गांव में इधर उधर बैठ कर चले जाते है। यही दशा लगभग विकासखंड क्षेत्र के सभी गांव की है ब्लाक क्षेत्र में 62 ग्राम पंचायतें हैं।जिसमें मजरा मिलाकर लगभग 94 गांव आते हैं। जहां पर लगभग 115 सफाई कर्मी तैनात हैं लेकिन वर्तमान में 75 सफाई कर्मी गांव में तैनात हैं। बाकी अधिकारियों की सेवाभाव  में उनके घरो पर लगे हुए हैं।ज्यादातर सफाई कर्मियों को ऑफिस तथा घरों में अधिकारी लगाए हुए हैं जिसके कारण सफाई कर्मचारी की कमी होने से गांव की सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। ग्राम खनुवां निवासी रामनरेश अंकित गोविंद कुवर पुरा निवासी मानवेंद्र सिंह अमित,कैथ निवासी सुरेश आदि लोगों ने उप जिलाधिकारी से शिकायत की कि गांव की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है जगह जगह रास्तों में नालियों का पानी रास्तो मे बह रहा है पैदल निकलना भी मुश्किल पड़ा है नालियां बजबजा रही हैं। जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है जिससे बीमारी का खतरा बढ़ने की आशंका है। इस संदर्भ में एडीओ पंचायत ह रेंद्र सिंह से बात की गई तो उनका कहना है कि नया रोस्टर बनाकर ड्यूटी लगाई जा रही है जिससे सभी गांव में सफाई हो सके। 

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