प्रत्याशियों की चुनावी थकान के बाद भी नींद आंखों से दूर, नतीजे पर टिकीं हुई हैं निगाहें


उरई(जालौन)। विछाई गई चुनावी चौसर मे किसे मिलेगी हार और कौन पहनेगा जीत का हार, इस सवाल का जवाव 10 मार्च को भले मिले, लेकिन उससे पहले ही दावेदारों के उनके अपने-अपने लम्बे-चौड़े दावे करते नहीं थक रहे हैं। सियासी गलियारो मे दखल रखने वाले दावेदार किए जा रहे दावो को तौल रहे हैं कि आखिर किए जा रहे दावों में कितनी सच्चाई है। जिले की तीन विधानसभा में भाजपा, सपा, वसपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी, भीम आर्मी और निर्दलीय दावेदार मैदान मे डटे रहे। चुनाव की डुगडुगी बजते ही उनकी भाग दौड़ शुश्र हो गयी। रात दिन की कड़ी मेहनत करते हुए भूख और प्यास से किनारा करने वाले दावेदार चुनाव मे कोन अपना ओर कोन पराया, इसी उधेडवुन उलझे हुए है। बीते दिनों हुई जिले की तीनो विधानसभाओं मे हुई वोटिंग के थमने के बाद दावों का दौर शुरू हो गया। भाजपा हो या सपा, या फिर वसपा हो या कोई निर्दलीय हर दावेदार अपने-अपने घरों में बैठ कर नफानुकसान को तौल रहे हैं। हर किसी दावेदार का उनका अपना खास नफा होने की दलीले देता घूम रहा है। साथ ही एक ही जुमला बार बार दोहराया जा रहा है कि जीत तो पक्की है। दावेदार भी अपनों की इन दलीलों को बड़ी होशियारी से तौल रहे है। लगभग 45 दिनों की भाग दौड़ करते करते चुनाव तो निपट गया लेकिन उनकी मेहनत कैसा सिला देगी। इसी को लेकर अटकले लगाई जाने लगी है। चुनाव खत्म होने के बाद दावेदार फुरसत में तो है लेकिन 10 मार्च को आने वाले नतीजों पर उनकी निगाहें टिकी हुई है। थकान दूर करने की कोशिश 1 तो कर रहे हैं, लेकिन आने वाले नतीजों को लेकर नींद उनकी आंखों से काफी दूर चली गई। उनके पास आने वाले हर किसी से नफा और नुकसान को लेकर सवाल करते हुए उसका जवाब लिया जा रहा है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आई एस अधिकारी की पत्नी व कालपी की बहू डा.अपर्णा सिंह ने मिसेज यूपी का जीता खिताब

शिक्षक ने लूटी नाबालिग छात्रा की अस्मत

पुलिस ने जमीन के फर्जी बैनामा काण्ड में दस लोगों को गिरफ्तार किया