विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति सजग बनाना है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का उद्देश्य
मऊरानीपुर से रवि परिहार की रिपोर्ट
मऊरानीपुर (झांसी)-प्राथमिक शिक्षक संघ कार्यालय मऊरानीपुर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम नगर अध्यक्ष विवेक माहेश्वरी ने बताया कि सन 1986 से इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। सन 1928 में आज के दिन देश के महान वैज्ञानिक सीवी रमन ने रमन प्रभाव का आविष्कार किया था। वक्ताओं ने अपने अपने उद्बोधन में बताया कि महिला वैज्ञानिकों ने धरती से चांद तक कई मुकाम हासिल किए हैं जिनमें डायरिया से बचाव को वैक्सीन खोजने वाली डॉ गगनदीप तंग इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम इंजीनियर मुथैया वनिता मंगल यान और चंद्रयान 2 मिशन अंतरिक्ष वैज्ञानिक रितु करिधारा, मलेरिया रोकथाम के लिए डां नीति कुमार के बारे में विस्तार से बताया। इस दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करना, विज्ञान के क्षेत्र में नए प्रयोगों के लिए प्रेरित करना तथा विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। इसके विकास के द्वारा ही हम समाज के लोगों का जीवन स्तर अधिक से अधिक खुशहाल बना सकते है। सन 1930 में उन्हें भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार ग्रहण करने वाले भारत ही नहीं बल्कि एशिया के पहले वैज्ञानिक थे। सन 1954 में भारत ने उनको सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा था। कार्यक्रम में अर्चना मिश्रा,सादिका बानो, रुचि रिछारिया, विनीता सोनी ,रजनी सोनी, संगीता गुप्ता, मोहिनी दुबे, नीरज गुप्ता, लक्ष्मी श्रीवास, सुनीता श्रीवास ,पिंकी, राम गोपाल गुप्ता, हरि मोहन गोसाई, सुधीर ताम्रकार, राजेश राजपूत ,सुनील सेन सहित अनेक शिक्षक मौजूद रहे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें