चंबल की कगारों में स्थापित इमलिया कॉलेज में पढ़ाई का कार्य दुरुस्त


सुरज पाल की fjiksVZ

डॉ.एसबीएस चौहान/अरविंद सिंह राजावत

चकरनगर/इटावा,29 दिसंबर। तहसील मुख्यालय चकरनगर से लगभग 17 किलोमीटर चंबल की कंगारों में बसा राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इमलिया,यहां पर शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने के उद्देश्य से सरकार के द्वारा प्रतापगढ़,आगरा,बाबरपुर और इटावा के लेक्चरर/प्रवक्ताओं को अध्यापन कार्य के लिए लगाया गया है जहां पर अध्यापक अपनी बेबाक ड्यूटी समय पर पहुंच कर देते हैं ऐसा यहां पर संस्था में उपस्थित प्रवक्ता ने बताया। बताते चलें कि विकासखंड चकरनगर के अंतर्गत शिक्षा का प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने शासकीय योजना के तहत एक राजकीय विद्यालय की स्थापना की वैसे तो  चंबल घाटी को दस्यु सरगनाओं की क्रीड़ा स्थली मानकर अपनी ड्यूटी में भी लापरवाही करने में कोताही नहीं बर्तते और यहां पर ड्यूटी के लिए भेजा गया कर्मचारी और अधिकारी सुविधाओं से परेय क्षेत्र होने के कारण अपने जीवन काल का ड्यूटी के लिए समय सजायाफ्ता के तौर पर मानते हैं।यहां यह भी कहना कोई अतिशयोक्ति पूर्ण न होगा कि कुछ ऐसे भी अधिकारी व कर्मचारी हैं जो यहां पर अपने सर्विस ड्यूटी लगने के बाद अपना अहोभाग्य मानते हैं और इन दिनों को सौभाग्यशाली समय कहते हुए शुद्ध और प्राकृतिक वातावरण में रहन-सहन सटीक लाजमी समझते हैं। उनका यह मानना है कि यहां पर स्वास्थ्य पाने के लिए बेहतर प्राकृतिक सुविधाएं हैं तो आइए अब हम बात करते हैं शिक्षा के नाम पर सरकार के द्वारा उच्च शिक्षा को प्रदान करने के लिए राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इमलिया के नाम से सरकार ने बेशकीमती भवन बनवाया है और यह भवन तहसील मुख्यालय से लगभग 17 किलोमीटर दूर अस्त चंबल की कगारों में बसा मजरा इमलिया जहां पर इस विद्यालय की स्थापना सन 2010-11 में हुई थी इस वक्त विद्यालय में 3 लेक्चरर/प्रवक्ता और एक प्रधानाचार्य नियुक्त हैं। यहां पर छात्रों की संख्या का ब्यौरा इस प्रकार है कक्षा 10 में 18 विद्यार्थी हैं जिसमें 9 छात्राएं और 9 छात्र तथा कक्षा 9 में 22 विद्यार्थी हैं जिसमें 10 छात्र और 12 छात्राएं। पत्रकार अरविंद सिंह राजावत जब विद्यालय में पहुंचे तो वहां पर प्रवक्ता नंदकिशोर ने बताया कि हमारे प्रधानाचार्य डॉ मुकेश यादव इटावा मुख्यालय पर कार्य हेतु गए हुए हैं,हरिओम भदौरिया, दीपेंद्र प्रताप सिंह आज विशेष कार्य बस अवकाश पर है। दिलचस्प बात तो यह है कि इस विद्यालय में डॉ मुकेश यादव जो इटावा से बिलॉन्ग करते हैं हरिओम भदोरिया जो बाबरपुर से,नंदकिशोर जी आगरा से और दीपेंद्र प्रताप सिंह प्रतापगढ़ से बिलॉन्ग करते हुए यहां पर शिक्षा का कार्य अनवरत चला रहे हैं। दूरभाष पर मीडिया से बात करते हुए प्रधानाचार्य डॉ मुकेश यादव ने बताया कि मैं शासकीय कार्य के तहत जिला मुख्यालय पर आया हुआ हूं। जब डीआईओएस इटावा के सीयूजी नंबर 9454 45 7396 पर बात करने के लिए प्रयास किया गया तो वेल जाती रही लेकिन फोन रिसीव न हो पाने से सच्चाई का पता नहीं चल सका कि प्रधानाचार्य वाकई सरकारी कार्य बस जिला मुख्यालय पर हैं या इटावा परिजनों के साथ अपना समय गुजार रहे हैं?इस बात की पुष्टि नहीं हो स्की। जब उपस्थित लेक्चरर नंदकिशोर जी से वार्ता हुई तो उन्होंने प्रसन्न मुद्रा में यह कहते हुए अपने जवाब दिए कि सरकार के द्वारा जो भी सुविधाएं हमारे छात्रों को,हम प्रवक्ताओं को दी जा रही हैं वह हमें जिला प्रशासन के द्वारा विधिवत प्राप्त होतीं हैं। जब हमारे संवाददाता ने पूछा कि आपको इस जगह पर कोई आपत्ति और परेशानी नजर आती है तो उन्होंने थानाध्यक्ष बिठौली इंस्पेक्टर बलराज शाही की तरह खुशमिजाज उत्तर देते हुए बताया कि बिल्कुल नहीं मैं यहां पर प्राकृतिक सौंदर्य और ईश्वर के द्वारा बनाई गई ऑक्सीजन से लेकर जड़ी बूटियों तक कि हर व्यवस्था का खुले लहजे में इस्तेमाल करता हूं हमें यहां स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होता है।वातावरण बहुत अच्छा है बच्चों को पढ़ाने में पूरी मशक्कत करता हूं इस मशक्कत की जानकारी के लिए जब छात्र छात्राओं से रोजमर्रा की कई जानकारियों को परीक्षण के तौर पर पूछा गया तो बच्चों ने बिंदास जवाब देते हुए बताया, हर प्रश्न का उत्तर दिया  इसी दौर में  छात्रा  शबनम ने  तो  तमाम  संबंधित  अपने  मंत्रियों के नाम  उप जिलाधिकारी  चकरनगर सत्य प्रकाश मिश्रा तक का नाम  बिल्कुल फिट तरीके से बताते हुए जब  उनके प्रवक्ता का नाम पूछा गया  तो छात्रा ने कुछ संकोच करते हुए  के प्रवक्ता सामने खड़ा है गुरु का नाम लिया भी नहीं जाता  इसलिए उसे संकोच बस  रुकना पड़ा लेकिन जब  उससे यह कहा गया कि नहीं नाम बताइए तो उसने अपने प्रवक्ता का नाम श्री नंदकिशोर सर जी  कहते हुए यह साबित किया कि यहां पर  प्रवक्ता गण  छात्र छात्राओं को  शिक्षा के साथ-साथ उन्हें संस्कार भी  देते हैं इससे यह साबित हुआ कि यहां पर अध्यापक बच्चों के साथ जरूर मेहनत करते हैं जो उन्हें यहां पर यह ज्ञान प्राप्त हो रहा है। सबसे पहला यह भी अनुशासन बहुत सुंदर दिखा कि सैनिटाइजर से लेकर मास्क तक का उपयोग बच्चे से लेकर प्रवक्ता तक विधि सम्मत करते हुए पाए गए। साफ-सफाई का भी यहां पर अनोखा नजारा देखने को मिला। जिला विद्यालय निरीक्षक/ डीआईओएस के दूरभाष पर बात ना होने से समाचार में उन तथ्यों को सटीक पुरोहित नहीं किया जा सका क्योंकि उसकी सच्चाई को वेरीफाई नहीं कराया जा सका। इसके बाद भी जिला विद्यालय निरीक्षक से आशा की जाती है कि 3 प्रवक्ताओं में से सिर्फ एक मौजूद प्रधानाचार्य अनुपस्थित आखिर यह सच्चाई क्या है, की जांच के लिए अपना समय देंगे? नहीं तो फिर इस कार्यवाही के लिए मुख्य विकास अधिकारी इटावा से जनहित में निवेदन करना आवश्यक हो जाएगा।

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