मुसीबत का दूसरा नाम यूरिया खाद
जालौन से बृजेश उदैनिया की रिपोर्ट
०-खाद दुकानदारो द्वारा किसानों का उत्पीडन तथा गाली गलौच का मामला हुआ बायरलजालौन। यूरिया खाद किसानों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। दुकानदार मूल्य से अधिक खाद बेचकर किसानों को शोषण करने में लगा हुआ है तो भाई स्थानीय प्रशासन मूक दर्शक बन किसानों की दयनीय दशा देखने में मस्त है और किसान अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने को मजबूर है। किसान की समस्या दिन प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है जबकि कहा जाता है कि सीमा पर जवान खेतों पर किसान। यह भारत जैसे विशाल देश की अहम कड़ी है लेकिन किसानों की क्या दुर्दशा है यह किसी से छिपी नहीं है। रविवार को एक किसान संदीप साहू मोहल्ला रापटगंज में यूरिया खाद लेने के लिए गल्ला मंडी गेट नंबर 1 की पंकज ट्रेडर्स की दुकान पर गया। दुकानदार द्वारा किसान का आधार कार्ड लिंक करता अंगूठा लगवाने के बाद निर्धारित मूल्य रुपये 266 से अधिक ₹300 की मांग किसान से की गयी। किसानों द्वारा रसीद मांगे जाने पर फर्जी रसीद थमाते हुये गाली गलौज पर आमादा हो गये। किसान ने गाली देने से मना किया तो उक्त दुकानदार मारपीट पर आमादा हो गया। इतना ही नहीं उक्त किसान सर्किल क्षेत्र के आला अधिकारियों के दरबार में जाकर अपनी पीड़ा को बताया लेकिन किसी ने भी उसकी फरियाद नहीं सुनी। आखिर किसान को उत्पीड़न कब कम होगा और किसानों की दयनीय दशा सुधरेगी। किसान खेतों की सिंचाई से लेकर खाद बीच तक उसका उत्पीड़न किया जाता है और किसान अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने के अलावा और कुछ भी नहीं कर सकता है।
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