पीड़ित विकलांग अपने जिंदा होने के सबूत लिए दर-दर की खा रहा ठोकरें


मउरानीपुर से रवि परिहार की रिपोर्ट
मऊरानीपुर। काफी भाग दौड़ करने के बाद किसी तरह विकलांग की पेंशन स्वीकृत हुई, वह भी कुछ दिन मिलने के बाद बंद हो गई। जब उसने पता लगाया तो जानकारी हुई कि विभाग ने उसे मृत घोषित कर उसकी पेंशन बंद कर दी। अब पीड़ित विकलांग अपने जिंदा होने के सबूत लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। लेकिन उसकी कोई भी नहीं सुन रहा है। जानकारी के अनुसार ग्राम सिजारी खुर्द मऊरानीपुर निवासी परमलाल पुत्र अनंदी ने जिलाधिकारी झांसी को भेजे प्रार्थना पत्र में बताया कि उसने वर्षों पूर्व में दिव्यांग पेंशन के लिए समाज कल्याण विभाग में आवेदन दिया था। जिसमें पात्रता के सारे कागजात लगाने पर उसकी पेंशन शुरू हो गई थी। और कुछ समय पेंशन मिलने के बाद अचानक पेंशन खाते में आना बंद हो गई। जब मैंने संबंधित कर्मचारी से लेकर अधिकारियों के चक्कर लगाकर अपनी पेंशन चालू करवाने के लिए गुहार लगाई तो मुझे बताया गया कि मुझे कागजों में मृत घोषित कर दिया है। ऐसे में अब मैं खुद को जिंदा साबित करने के लिए समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की परिक्रमा कर रहा हूं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। और पेंशन बंद हो जाने की वजह से वह दाने-दाने के लिए मोहताज हो गया है। प्रार्थना पत्र में विकलांग ने जिलाधिकारी से हस्तक्षेप कर शीघ्र पेंशन बहाल कराने की मांग की है।


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