विश्व तंबाकू निषेध पर कोरोना का साया, कही भी नही हुये जागरुकता के कार्यक्रम न ही दिलाई गयी शपथ
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जालौन से ब्रजेश उदैनिया की रिपोर्ट
जालौन। विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर कोरोना का दिखा भय कही भी नही आयोजित नही किये गये जागरुकता अभियान।
इसबार विश्व तंबाकू दिबस पर कोराना का साया रहा।आज के दिन तमाम समाज सेवी संस्था,समाज सेवी तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा लोगो को जागरुक कर उन्हे तंबाकू के सेबन के दुष्प्रभाव के बारे जागरुक किया जाता था।प्रशासन द्वारा लोगो को आज के दिन तंबाकू के सेबन न करने की शपथ दिलाई जाती थी लेकिन आज इस कोरोना के भय से कोई जागरुकता अभियान नही किया गया।दुनिया भर में हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।इस दिन का मुख्य उद्देश्य तंबाकू सेवन करने और इसके उत्पादन पर रोक लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए किया जाता है। तथा इसके व्यापक प्रसार और नाकारात्मक स्वास्थ्य के प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करना है।
तंबाकू जान लेवा है बाबजूद इसके दुनिया में इसकी खपत साल दर साल बढ़ती जा रही है। हर साल इससे होने वाली विभिन्न बीमारियों के चलते लाखों लोगों की मौत हो जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया भर में कम उम्र में होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण तंबाकू के उत्पादों का सेवन है। आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं की विकास शील देशों में इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। साल 2015 में जनरल आफ क्लीनिकल डाइग्नोस्टिक रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार भारत तंबाकू का सबसे बड़ा उपभोक्ता है यहां करीब 28 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। तंबाकू का सेवन एक प्रकार की लत है जिसे लोग छोड़ना भी चाहते हैं पर छोड़ नहीं पाते।
दुनिया भर में तंबाकू सेवन के कारण हर वर्ष 70 हजार लोगों की मौत हो जाती है। जिनमे 89 हजार गैर धूम्रपान करने वालों का परिणाम दूसरे नंबर पर है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (who) के सदस्य राज्यों ने 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस बनाया तब से दुनिया भर में सरकारों सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठनों ने धूम्रपान करने वालों उत्पादकों के उत्साह और प्रतिरोध दोनों मिले हैं। तंबाकू सेवन करने से लोगों में भयानक बीमारियां जन्म लेती है जिनमें प्रमुख रूप से केंसर, फेंफड़ों और मुंह में केंसर, फेफड़ों का खराब होना,दिल की बीमारी, आंखों से कम दिखना, मुंह से दुर्गंध आना आदि। इस दिन तंबाकू य इसके उपयोग पर रोक लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए किया जाता है। साथ ही तंबाकू के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान के विषय में सचेत करना होता है। सबसे बड़ी चोंकाने वाली बात है कि धूम्रपान से विश्व में प्रतिदिन तीन हजार लोगों की मौत हो जाती है।
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