विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर तम्बाकू के दुष्प्रभाव के प्रति विशेषकर युवाओं को जागरूक
रिपोर्ट मनोज कुमार शिवहरे
माधौगढ(जालौन)। अनुरागिनी संस्था द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर तम्बाकू के दुष्प्रभाव के प्रति लोगों को विशेषकर युवाओं को जागरूक और सचेत रहने का आग्रह किया है। अनूरागिनी संस्था के परियोजना निदेशक सत्यम मिश्रा एवम् रविन्द्र सिंह परमार ने आज राजेन्द्र नगर तुलसीनगर उरई में पम्पलेट वितरित कर यवाओ से कहा कि मनुष्य द्वारा तम्बाकू का प्रयोग करना अपने आप को धीरे-धीरे खत्म करने के सामान है। इसके प्रयोग से मनुष्य कैंसर, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, सास का फूलना तथा रक्त-प्रवाह में गड़बड़ी जैसी बीमारियों से ग्रस्त हो सकता है।
ज्ञात हो कि दुनिया भर में हर बर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।इसका मुख्य उद्देश्य तंबाकू सेवन करने और इसके उत्पादन पर रोक लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए किया जाता है। हमे इसके व्यापक प्रसार और नाकारात्मक स्वास्थ्य के प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करना है। तंबाकू जान लेवा है इसके वावजूद भी दुनिया में इसकी खपत साल दर साल बढ़ती जा रही है।हर साल इससे होने वाली विभिन्न बीमारियों के चलते लाखों लोगों मौत को गले लगा रहे है। विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया भर में कम उम्र में होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण तंबाकू के उत्पादों का सेवन भी है। आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं की विकास शील देशों में इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। साल 2015 में जनरल आफ क्लीनिकल डाइग्नोस्टिक रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार भारत तंबाकू का सबसे बड़ा उपभोक्ता है यहां करीब 28 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। तंबाकू का सेवन एक प्रकार की लत है जिसे लोग छोड़ना भी चाहते हैं पर छोड़ नहीं पाते। दुनिया भर में तंबाकू सेवन के कारण हर वर्ष लगभग 70 -80 हजार लोगों की मौत हो जाती है। जिनमें से 90000 गैर धूम्रपान करने वालों का परिणाम दूसरे नंबर पर है।
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