अपनी लेखनी के माध्यम से ही पहचाना जाता है पत्रकार----वरिष्ठ पत्रकार आलोक खन्ना


जालौन से बृजेश उदैनियां की रिपोर्ट


०-हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर ग्रामीण पत्रकार एशोसिएशन ने की संगोष्ठी
जालौन। हिन्दी पत्रकारिता दिवस के मौके पर शनिवार को ग्रामीण पत्रकार एसोसियेशन के तत्वावधान में दैनिक भास्कर/कृष्णा न्यूज कार्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन कोरोना महामारी को देखते हुये सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये किया गया। संगोष्ठी में मुख्य रूप से आये वरिष्ठ पत्रकार आलोक.खन्ना ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हिन्दी पत्रकारिता आज भी अपनी विश्वसनीयता को बरकरार रखे है तथा जनता अखबार पर विश्वास करती है। देश में अब संचार के तमाम साधन उपलब्ध हो चुके हैं फिर भी अखबार पढ़े बिना आज भी लोगों को चैन नहीं आता। इस अवसर पर ग्रामीण पत्रकार एशोसिएशन के जिलाध्यक्ष गंगाराम चौरसिया ने कहा प्रशासन की नजर में तमाम मामले आज भी मीडिया के जरिये ही संज्ञान में आते हैं और वे समाचार पत्रों में छपी खबरों को पढ़कर जहां आवश्यक होता है वहां कार्रवाई भी करते है। उन्होने कहा कि पत्रकारों को समाज का आईना भी कहा जाता है इसकी बजह यह है कि पत्रकार गरीब के गरीब आदमी की आवाज को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का कार्य करता है और अधिकारियों को उनके द्वारा किये जाने वाले गलत कार्यो से रोकता है।वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश उदैनिया ने कहा कि अपनी लेखनी से ही पहचाना जाता है पत्रकार।लेखनी अगर निष्पक्ष हो तो पत्रकार की पहचान अपने आप बनती जाती है। पत्रकारिकता मे लेखनी करते बक्त द्वैष भावना नही होनी चाहिये। इस मौके पर विवेक मिश्रा, सुनील श्रीवास्तव, कौशल किशोर श्रीवास्तव, महेश स्वर्ण कार,बब्लू महिया,अनुराग श्रीवास्तव,ब्रहम किशोर श्रीवास्तव,जावेद अख्तर,पुष्पेन्द्र अतुल पांडेय,भगबती शरण मिश्रा, रामकेश साहू, राजेन्द्र बाथम, दीपक गुप्ता, राकेश प्रजापति, विष्णु अग्रवाल, कपिल सोनी प्रदीप गुप्ता,देवेश सोनी, आदि पत्रकार ने हिन्दी पत्रकारिकता दिवस पर अपने अपने बिचार रखे।


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