आखिर कब समझेंगे लोग, आधे घंटे की दूरी पर है कोंच से कोरोना

कोंच के बाजारों में उमड़ी भीड़
कोंच से पी. डी. रिछारिया वरिष्ठ पत्रकार 
* बाजारों और बैंकों में उमड़ रही भीड़ को घातक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं सोशल डिस्टेंसिंग नहीं अपनाने के
* अधिकारी आखिर कब तक चटकाते रहेंगे डंडे, खुद क्यों नहीं सुधर रहे लोग
पुरुषोत्तम दास रिछारिया/ राहुल राठौर
कोंच। कोंच के बाजारों की हालत देख कर अब डर सा लगने लगा है। भीड़ से ठसाठस भरे बाजारों और बैंक शाखाओं के बाहर जमा भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ा रही है। इन लोगों को आखिर ये बात कब समझ आएगी कि देश जिस कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा है उसमें राजनैतिक, सामाजिक, व्यवसायिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, औद्योगिक आदि सभी प्रकार की गतिविधियां केवल इसलिए ठप्प कर लॉक डाउन लगाना पड़ा है कि देशवासियों की अमूल्य जिंदगी को बचाया जा सके, लेकिन लोग हैं कि मानते ही नहीं हैं। वे यह भी समझने का प्रयास नहीं कर रहे हैं या उनका ढीठपन समझो कि जो कोरोना वायरस चीन से शुरू होकर पूरे विश्व का भ्रमण करता हुआ भारत में भी न केवल कोहराम मचा रहा है बल्कि कोंच से केवल आधे घंटे की दूरी पर आकर जिला मुख्यालय उरई में अपना तांडव दिखा रहा है और यहां तक आने में उसे ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
जिस दिन उरई में पहला कोरोना पॉजिटिव केस आया था उस दिन यहां कुछ गनीमत रही और बाजारों में पसरे सन्नाटे को देख कर लगा था कि ‘इस बुरे वक्त’ से लोगों ने शायद कुछ सबक सीख लिया है लेकिन दूसरे दिन पहले से ज्यादा भीड़भाड़ दिखी। दो दिन की बंदी के बाद बैंक भी खुल गए सो वहां भी लोगों की आमदरफ्त काफी बढी दिखाई दी। हालांकि जिस दिन कोविड-19 की दस्तक जिले में हुई उस दिन बाजारों में कुछ मेन प्वाइंट्स पर प्रशासन ने वेरीकेटिंग कराई थी और उन पर पुलिस भी तैनात कर दी गई थी ताकि स्थिति को नियंत्रण में किया जा सके, हुआ भी कुछ ऐसा ही लेकिन यह कार्यक्रम सिर्फ एक ही दिन चल सका और दूसरे दिन से फिर वही पुराना ढर्रा चालू हो गया। आलम यह है कि अब अधिकारी भी शायद भीड़भाड़ में जाने से घबरा गए हैं और सब कुछ नागरिकों की उनकी समझबूझ पर छोड़ दिया गया है। अगर बाजारों में भीड़ की रेलमपेल को रोका नहीं गया तो यहां भी महामारी के पैरों को थामना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन हो जाएगा और लोगों को पछताने का भी मौका नहीं मिलेगा। अभी भी ज्यादा देर नहीं हुई है, अपने घरों में सीमित हो कर खुद को और अपने परिवार, पड़ोस, नगर और देश को सुरक्षित कर लो।


 


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