कोरोना महामारी के दौरान गौशालाओ मे बंद गौवंशो की देखरेख न होने पर दयनीय दशा


जालौन से ब्रजेश उदैनियां की रिपोर्ट
जालौन। कोरोना जैसी महामारी के दौरान गौशालाओं में बंद गोवंशो की भूख और प्यास से दशा दयनीय बनी। गोवंश की भूसा पानी की व्यवस्था न होने से गौशाला में बंद गोवंश तड़प-तड़प कर मरने को मजबूर। प्रशासन ने गौशालाओं से हटाया अपना ध्यान। 
कोरोना जैसी महामारी से बचाव के लिए स्थानीय प्रशासन लॉक डाउन पर ही केंद्रित हो जाने से गौशालाओ मे कैद गौबंशो की दशा दयनीय बन गई। कोरोना जैसी महामारी ने पूरे विश्व में तबाही मचा दी जिसके चलते देश में संकट का सामना कर रहा है कैरोना महामारी से बचाव तथा लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पूरे देश को लॉक करने का फरमान जारी किया। प्रधानमंत्री के फरमान के बाद लोगों को अपने अपने घरों में सुरक्षित रहने के लिए कहा गया। सरकार के फरमान के अनुसार स्थानीय प्रशासन भी लॉक डाउन कराने में जुट गया।इस दौरान स्थानीय प्रशासन, नगर तथा गांव को लांक डाउन के पालन करने में जुड़ गया। तो वही गांव मे बनी अस्थाई गौशाला मे कैद गौबंशो पर ध्यान न होने से गायों की  दशा दयनीय हो गई।गौशालाओं की ओर न तो प्रशासन ध्यान दे रही है और न ही गांव के प्रधान। गौशाला में कैद गोवंश की दशा दयनीय होती जा रही है। गौशाला में कैद गायों को देखने के लिये कैई नही जा रहा है। एक समय था कि गौशाला में बंद गोवंश की पल-पल की खबर सरकार तथा स्थानीय प्रशासन कर रहा था। जबसे कैरोना जैसी महामारी का संकट आया तब से गौशालाओ पर किसी का ध्यान केंद्रित नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते गौशाला में बंद गाय को भूख और प्यास से तड़पने पर मजबूर हैं।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आई एस अधिकारी की पत्नी व कालपी की बहू डा.अपर्णा सिंह ने मिसेज यूपी का जीता खिताब

शिक्षक ने लूटी नाबालिग छात्रा की अस्मत

पुलिस ने जमीन के फर्जी बैनामा काण्ड में दस लोगों को गिरफ्तार किया