तहसीलदार व लेखपाल द्वारा भूमाफियाओं से मिलकर गलत रिपोर्ट डालने की शिकायत


मऊरानीपुर से रवि परिहार   
मऊरानीपुर (झांसी) 28 फरवरी। तहसीलदार व लेखपाल द्वारा भूमाफियाओं से मिलकर किसानों व सरकारी जमीनों पर कब्जा व जांच आख्या की रिपोर्ट पोर्टल पर गलत डालने की शिकायत प्रदेश के उच्चाधिकारी समेत जिले के अधिकारियों को पत्र भेजकर की। जानकारी के अनुसार पत्रकार अजीत कुमार नायक ने प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री प्रदेश के उच्चाधिकारियों एव जिले के अधिकारियों को पत्र भेजकर बताया कि मऊरानीपुर तहसीलदार व ढिमलौनी लेखपाल भू माफियाओ से मिलकर सरकारी व किसानों की जमीनों पर जबरन कब्जा करा रहे है। भेजे गए पत्र में बताया कि मेरे पिता ने 6 जनवरी को उपजिलाधिकारी व 7 जनवरी को सम्पूर्ण समाधान दिवस में एक प्रार्थना पत्र देकर बताया है कि कुछ भू माफिया मेरी जमीन व सरकारी सेक्टर पर कब्जा कर उस पर निर्माण करा रहे है।जिसको लेकर उपजिलाधिकारी ने तहसीलदार को टीम गठित कर जमीन की नाप करने के आदेश दिए थे।जिस पर तहसीलदार ने एक कानूनगो व चार लेखपाल की टीम गठित कर नाप करवाई जिसमे टीम ने शिकायत को सही पाया और मेरी जमीन पर व सरकारी सेक्टर पर कब्जा होने की रिपोर्ट 14 जनवरी को उपजिलाधिकारी कार्यालय भेजी। लेकिन वह रिपोर्ट उपजिलाधिकारी कार्यालय न पहुच बीच मे ही ढिमलौनी लेखपाल द्वारा गायब कर दी और भू माफियाओ से मिलकर जो साजिस के तहत 4 जनवरी को भू माफियाओ ने समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र देकर अपने पक्ष में रिपोर्ट लगवाई थी उसे सम्पूर्ण समाधान दिवस के निस्तारण में पोर्टल पर डाल दी। जबकि सम्पूर्ण समाधान की रिपोर्ट उपजिलाधिकारी को भेजी जानी थी और वो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजी गई। 6 व 7 जनवरी को दिए गए प्रार्थना पत्र का निस्तारण 4 जनवरी को ही कर दिया गया।जब टीम द्वारा की गई नाप की जांच आख्या मांगी गई तो उपजिलाधिकारी ने बताया कि जांच आख्या अभी उनके कार्यालय में नही आई।जबकि टीम द्वारा जांच आख्या को 14 जनवरी को उपजिलाधिकारी कार्यालय भेज दिया था। लेकिन भू माफियाओ मिला लेखपाल ने जांच आख्या को उपजिलाधिकारी कार्यालय में पहुचने से पहले गायब कर थाना दिवस की जांच आख्या जो उसने किसी को भी बिना सूचित किये नाप कर बनाई थी उसे भेजकर 7 जनवरी के सम्पूर्ण समाधान दिवस के निस्तारण पोर्टल में डलवा दिया गया।आश्चर्य की बात है कि अधिकारी इस ओर ध्यान नही देते की प्रार्थना पत्र 7 जनवरी को दिया उसका निस्तारण देने के पहले 4 जनवरी को कर दिया गया।भू माफिया के माफिक जांच न होने के कारण दुबारा नाप के आदेश दिए गए जिसमे तहसीलदार व दो कानूनगो व दो लेखपाल गए। दर्जनों लोगों के सामने नाप होने के बाद भी यही पाया गया कि जो निर्माण हो रहा है वो सरकारी सेक्टर व मेरी जमीन पर हो रहा।नाप करने के दौरान एक बात सामने आई कि जो 14 जनवरी को टीम ने जांच आख्या उपजिलाधिकारी को भेजी वो जांच आख्या ढिमलौनी लेखपाल के पास देखी गई। आखिर ये जांच आख्या उसके पास कैसे पहुची ये जांच का विषय है। तहसीलदार द्वारा जांच टीम पर दवाव बनाया जा रहा है कि जाति विशेष व भूमाफिया को लाभ देने की रिपोर्ट बनाकर मेरी जमीन पर सरकारी सेक्टर को बताते हुए जुर्माना लगाया जाए।लेकिन गलत रिपोर्ट बनाने के लिए टीम ने मना कर दिया। जिसके लिए तहसीलदार उन्हें तरह तरह की धमकी दे रहे। भेजे गए प्रार्थना पत्र में टीम द्वारा नापने के दौरान दिए गए बयान व तहसील दार द्वारा किस तरह दवाव बनाकर गलत रिपोर्ट लगाने को कहा जा रहा है उसकी सी डी भेजी गई है।


 


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