कोई भी युग हो हर युग में पापियों का प्रकोप बढ़ता है।तब भगवान किसी ना किसी रूप में अवतार लेते हैं।पं० लक्ष्मीनारायण
श्रीमद् भागवत कथा में हुई गोवर्धन की पूजा
संजय गुप्ता, सियाराम शिवहरे, भोला पाठक, नीलकमल की रिपोर्ट!
ईंटों। जालौन।ग्राम नावर में मिश्रा परिवार के सानिध्य में चल रही। श्रीमद् सप्ताहिक भागवत कथा के छठवें दिन कथा ब्यास पं० लक्ष्मीनाराण मिश्रा ने गोवर्धन लीला की कथा कहते हुऐ कहा है कि। कोई भी युग हो हर युग में जब पापियों अत्याचारियों का प्रकोप बढ़ता है। साधु संत महात्माओं को सताया जाता है।तब भगवान किसी ना किसी रूप में अवतार लेते हैं। मथुरा के राजा कंस और उसके राक्षसों ने ब्रिज चौरासी कोस में अत्याचार किया था। तभी भगवान ने कंस और उसके राक्षसों का अन्त करने के लिए। भगवान कृष्ण के रूप में अवतार लिया था।और कंस और उसके राक्षसों का वध किया था। और देवताओं के राजा इन्द्र का अंहकार मिटाया था। गोवर्धन लीला की थी। गोवर्धन की पूजा करवाई थी। मानव को हर समय ईश्वर का नाम लेना चाहिए। भगवान की भक्ति करना चाहिए। जिससे मानव का कल्याण होगा।इस मौके पर प्रशान्त मिश्रा,कथा पारीक्षित श्रीमती कमला मिश्रा, शिवाकांत मिश्रा, बड़े महाराज,भरत मिश्रा,अरबिन्द्र मिश्रा, आदि सहित सैकड़ों की संख्या श्रोता मौजूद रहे।
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