प्रबन्धकों से संवाद के बिना माध्यमिक विद्यालयों की बेपटरी शिक्षा व्यवस्था में सुधार संभव नहीं- शाण्डिल्य
उरई। 50 साल से ऊपर के राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के लिए उप मुख्यमंत्री ने समयबद्ध तरीके से प्रस्ताव प्रस्तुत करने के आदेश दिये हैं।
उप मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप शासन के पत्र सं0-1594ए /15-8-2019 -3035/2019 दिनांक 03-12-2019 द्वारा प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने शिक्षा निदेशक, उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर तत्काल एक दिन के अन्दर प्रस्ताव अपने मंतव्य सहित भेजने के निर्देश दिये हैं। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा के आदेशो को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने 27 दिसम्बर, 2019 को समस्त जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर एक दिन के अन्दर ही प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा है।
अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय बुंदेलखंड इंटर कालेज कोटरा के प्रबन्धक उमा बल्लभ शांडिल्य ने कहा कि 50 साल से ऊपर के अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों की अनेक समस्याएं है जिन्हें मात्र एक दिन की रिपोर्ट में व्यक्त करना कठिन है। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों की समस्याओं के समाधान के लिए इन विद्यालयों के प्रबन्धक व प्रबन्धक संघों से उप मुख्यमंत्री एवं शासन की प्रमुख सचिव को सीधे संवाद की जरूरत है, प्रबन्धकों से संवाद के बिना समस्याओं का हल संभव नही होगा।
अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों की अनेक समस्याएं है, जिनमें अवस्थापना सुविधाओं में अमूलचूल सहायता/व्यवस्था आदि उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता है। विद्यालयों के भवन (बिल्डिंग), मुख्य द्वार, फर्नीचर, साइंस लैब, टायलेट, चहारदीवारी (बाउंड्रीवाल), पुस्तकालय, सभाकक्ष, आदि सभी की मरम्मत व खेल मैदान-खेल सामग्री आदि के रख-रखाव की अत्यंत आवश्यकता है। जिसके लिए पर्याप्त धन की आवश्यकता है।
अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में छात्र- शिक्षक अनुपात बिगड़ गया है इन विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की अत्यन्त कमी है। इन विद्यालयों में शिक्षकों बायोमैट्रिक्स हाजिरी व विद्यालयों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सी0सी0टी0वी0 कैमरे व वायस रिकार्डर आदि के लिए पर्याप्त धनराशि नही है।
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