झोपड़पट्टी में रहने वाले गरीब, निर्धनों तक नहीं पहुंचे अलाव व कंबल 


जालौन से ब्रजेश उदैनियॉ के साथ विष्णु अग्रबाल की रिपोर्ट
सरकार तथा स्थानीय प्रशासन की खुली पोल
जालौन  झोपड़पट्टी  में रहने बाले गरीब, निर्धन परिवार के लोग आज भी सरकार की योजनाओं से दूर है। उन्हे सर्दी से बचने के लिए न तो कंबल बितरण किये गये और न ही उनके यहां बिकराल सर्दी से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था की गई।
सर्दी के कहर से आम जनजीवन बेपटरी है। सर्दी से बचने के लिए झोपड़पट्टी की चालीस बर्षीय महिला अलाव के लिये लकड़ी बीनने रविवार को गयी थी। वह महिला तब से गायब है। निर्धनों को कोई भी सरकारी सहायता न मिलने से वह इस भीषण सर्दी में मरने को मजबूर हैं । सरकार द्वारा किये जा रहे।तमाम बादो की पोल खोल दी।झोपपट्टी में रहने बाले गरीब परिवार को  स्थानीय प्रशासन तथा सत्ता पक्ष के द्वारा न तो अलाव जलाने गये। और न ही कम्बल गरीबो को बांटने गये। सरकार के द्वारा बड़े बड़े दावे किये जारहे थे।लेकिन यह सब बादे  पूरी तरह से खोखले नजर आ रहे। एल आई सी के पीछे झोपड़पट्टी में रहने बालो से सरकारी सहायता  मिलने के बारे में पूछा तो  बाल किशुन , प्रधान  , शांति देवी आदि ने बताया कि आज तक उनके  पचास डेरो में कही भी अलाव नही लगवाये गये और न ही उन्है कम्बल दिये गये हैं , सरकारी  सहायता न मिलने के कारण इन डेरो बालो के अलाबा बिजली घर के पीछे डेरे डालकर रहने बाले अपने माता पिता दोनों को खोने बाले मासूम कन्हैया को भी कोई भी सरकारी सहायता न मिलने के कारण दर्जनों गरीब परिवार  खून के आँशु रोते नजर आ रहे , वही झोपड़पट्टी में रहने बाली 70 वर्षीय महिला लक्ष्मी देवी  जंगल मे लकड़ी बीनने गई थी लेकिन वापस नही आने से उसका पूरा परिवार परेशान नजर आ रहा है ।


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